भारत में कभी, कोई भी, निर्णायक रूप से नहीं कहेगा कि ‘फासीवाद आ गया’।
By:Abhishek (चंद्रभूषण जी की पोस्ट के संदर्भ में) भारत में कभी, कोई भी, निर्णायक रूप से नहीं कहेगा कि ‘फासीवाद आ गया’। जो ऐसा कह रहा है, उसके रिकॉर्ड को खंगालिए। सन बानबे से वो ऐसा ही कहता हुआ मिलेगा। ऐसे बौद्धिक हर अंधे मोड़ पर ‘फासीवाद आ गया’ चिल्लाते हुए मिलेंगे। इनके चक्कर में … Read more