भारत में कुल 72 बूचड़खाने हैं जिसे लाइसेंस प्राप्त हैं जिसमें से अकेले यूपी में 38बूचड़खाने हैं

भारत में कुल 72 बूचड़खाने हैं जिसे लाइसेंस प्राप्त हैं जिसमें से अकेले यूपी में 38बूचड़खाने हैं..इसमें 4 बूचड़खाने ऐसे भी हैं जिसे सरकार खुद चलाती है..जोकि आगरा, सहारनपुर में है..वहीं दो अन्य प्रस्तावित बूचड़खाने लखनऊ और बरेली में है..अलीगढ़ में हिंद एग्रो आईएमपीपी पहला बूचड़खाना है जिसे1996 में शुरु किया गया था..यहां यह समझने वाली बात यह है कि खाड़ी के देशों में भैंस के मांस की काफी मांग है और भारत इसके लिए सबसे कारगर देश है..इसकी सबसे बड़ी वजह है कि यहां सस्ता मांस मिलता है और विक्रेताको इस बात का भरोसा मिलता है कि उसे हलाल मांस ही दिया जा रहा है..

भारत कुल मीट निर्यात में तीसरा..और बफैलो मीट निर्यात में दुनिया में पहला स्थान रखता है..भारत70 से ज्यादा देशों को फ्रोजन और फ्रेश चिल्ड मीट का एक्सपोर्ट करता है..इसमें करीब 97 फीसदी हिस्सा फ्रोजेन बफैलो मीट का होता है..बफैलो मीट के​ लिए भारत के प्रमुख ग्राहक देश वियतनाम,मलेशिया,इजिप्ट,इराक,सऊदीअरब,फिलीपींस, इंडोनेशिया, यूएई, अल्जीरिया और रूस हैं..देश में करीब 11 अत्याधुनिक मीट प्लांट हैं..जहां फ्रोजेन बफैलो मीट का उत्पादन किया जाता है..

# इसलिए शाकाहार और मांसाहार बाबत मूर्ख और डबल स्टैंडर्ड लोगों की बातों के चक्कर में आकर अपना समय बरबाद ना करें।

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