उदयपुर में एक दरजी की वहशियाना हत्या बहुत सीधा मामला नहीं है,

उदयपुर में एक दरजी की वहशियाना हत्या बहुत सीधा मामला नहीं है,

जब इसमें गहरी साजिश की बात के साथ एक पोस्ट लिखा था तो पांडेयजी किस्म के एक पत्रकार उस पर गहरी प्रतिक्रिया दे रहे थे .

अब इंडिया टुडे / आजतक के एक स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है कि उदयपुर काण्ड का प्रमुख हत्यारा रियाज़ तो तीन साल से बीजेपी के कार्यक्रमों में जा रहा था .

इसकी पुष्टि इरशाद चैनवाला ने की है .

इरशाद चैनवाला की उदयपुर के पोल बाज़ार में फेंसी गहनों की दूकान है , वह अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तो है ही , राष्ट्रिय मुस्लिम मंच का प्रदेश संयोजक भी है .

ऐसे महत्वपूर्व नेता द्वारा रियाज़ अत्तार को माला पहनाने का एक फोटों जब सामने आया तो बात आगे निकली .

हालाँकि इरशाद का कहना है कि चूँकि रियाज़ सऊदी अरब से उमराह कर लौटा था सो उसका फूल माला से स्वागत किया था .

इरशाद ने यह भी कहा कि रियाज़ गत तीन सालों से पार्टी के बहुत से कार्यक्रम में शामिल होता रहा,

वह गुलाब चन्द कटारिया के आयोजनों में भी शामिल होता रहा . पार्टी दफ्तर भी आता जाता था किसी ताहिर भाई के साथ .

अब यह जानना जरुरी है कि राष्ट्रिय मुस्लिम मंच के एक शीर्ष संघ नेता का नाम अजमेर, समझौता एक्सप्रेस दोनों में आया था

लेकिन कथित रूप से पर्याप्त प्रमाण न मिलने उनका नाम चार्ज शीट में नहीं आया,

यह भी याद रखें कि अजमेर बम धमाके में संघ के दो पदाधिकारियों को कोर्ट ने सजा दी है और दोनों झारखण्ड से हैं ,

साथ ही हाई कोर्ट में अपील के कारण वे अभी जेल से बाहर हैं .

उस चार्जशीट में भी मुस्लिम मंच के लिए संघ में बेटिंग करने वाले उस पदाधिकारी का उल्लेख हैं .

जाहिर है राजस्थान में मुस्लिम मंच की अच्छी पकड़ है .

अब मुस्लिम मंच के संभागीय पदाधिकारी जब उसे माला पहना रहे हैं , यह स्वीकार कर रहे हैं कि रियाज़ का पार्टी कार्यक्रमों में आना जाना था . वह तीन साल से पार्टी से जुड़ा है .

फिर कह रहा हूँ , यह एक बड़ी साजिश है , पहले विधायक खरीद फरोख्त की कोशिश और फिर लगातार सांप्रदायिक दंगे- और हर जगह एक ही विचारधार के लोग सामने आ रहे है —

एक बात और यह टीवी चेनल वाले जांच को भटकाने के लिए 26 11 मोटर साईकिल के नम्बर पर उधम काटे हैं, सो जान लें — यह मोटर साईकिल 2013 में रजिस्टर्ड है .
सत्ता लूटने के खेल में सब कुछ जायज है —-कुछ हत्या, कुछ दंगे—- मोसाद का काम करने का तरीका भी यही है —

हत्यारे को यह पता नहीं होता कि वह एक हत्या कर रहा है या बहुत कुछ उलटा पुल्टा कर रहा है .

यह भी सच है की अशोक गहलोत के प्रशासन में बड़ी संख्या में संघी घुसे हैं तभी उदयपुर में कर्फ्यू के बावजूद दुसरे शहरों से आ कर हज़ारों लोग भड़काऊ नारे लगा देते है ,

जो काम इंडिया टुडे ने किया , वह इस सरकार को पहले ही कर सामने लेना था ताकि इसे राजनीती बनाने वाले बेक फूट पर होते

चैनवाला के फेसबुक पर कम से कम पांच खाते हैं — उसमें उसकी जन्मपत्री

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