रूस यूक्रेन युद्ध विवाद की जड़, क्या रूस को डर है ? आनेवाला समय में नाटो यूक्रेन की मदद कर सकता है रूस के विरुद्ध

रूस यूक्रेन युद्ध विवाद

रूस यूक्रेन युद्ध विवाद की जड़ आनेवाला समय में नाटो यूक्रेन की मदद कर सकता है रूस के विरुद्ध, रूस को डर है कि आनेवाला समय में नाटो यूक्रेन की मदद कर सकता है क्रिमिआ पर से रूस का कब्ज़ा हटाया जा सकता है रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो का हिस्सा बने यूक्रेन पहले जब सोवियत यूनियन का हिस्सा हुआ करता था

और उसमें काफी देश थे और कि रूस के ज्यादातर पड़ोसी देश और यूरोप के देश उस में जुड़े हुए थे और सोवियत यूनियन का एक समय पूरा जमाना था लेकिन सोवियत यूनियन बिखर गया और बिखरने के बाद अलग-थलग पड़ गया और रूस भी अलग-थलग पड़ गया और यूक्रेन को आजाद कर दिया गया

और लेकिन क्रीमिया पर जो रूस ने अपना कब्जा कर लिया और यह माना जाता है अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कि क्रीमिया जो है यूक्रेन का हिस्सा, जिस बात को लेकर बात को लेकर के दोनों देशों रूस और यूक्रेन में तनाव पहले से बना रहता है और यूक्रेन का जो 2013-14 में जो राष्ट्रपति थे वह राष्ट्रपति एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक कठपुतली माने जाते थे और जिनके आड़ में रूस जो है कि पूरा हुकूमत करता था

रूस यूक्रेन युद्ध विवाद पुतिन चाहते हैं यूक्रेन में कठपुतली सरकार जो क्रीमिया को आजाद ना कराये

When did Russia annex the Crimean peninsula from Ukraine - and why? |  NationalWorld
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पुतिन चाहते हैं यूक्रेन में कठपुतली सरकार जो क्रीमिया को आजाद ना कराये, लेकिन अलगाववादियों के विरोध के कारण उनको भाग करके रूस में शरण लेना पड़ा और उसके बाद यहां पर 2014 में एक अलग स्वतंत्र सरकार बनी तब से लेकर तनाव की स्थिति चली आ रही है

क्योंकि जो भी इस देश में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री होते हैं उसके बाद से रूस को उतनी भाव नहीं देते हैं और रूस नहीं चाहता है कि नाटो जो है यूरोप में विस्तार करें या उसका जहां भी प्रभाव क्षेत्र है उधर विस्तार करें विवाद विवाद की जड़ यही है रूस को दर है कि आनेवाला समय में नाटो यूक्रेन की मदद कर सकता है क्रिमिआ पर से रूस का कब्ज़ा हटाया जा सकता है

और नाटो चाहता है कि वह काफी देश उसके साथ जुड़े और यूरोप में उसका अच्छा से विस्तार हो और नाटो के ऑलरेडी जो काफी देश मेंबर जुड़ चुके हैं जहां रोज से पूरी दुनिया का पति है और यहां तक की रूस से पूरी दुनिया डरता है और अमेरिका भी रूस से डरता है लेकिन जो है कि अभी यूक्रेन उसका सामना कर रहा है और यह सबको पता है कि ज्यादा समय तक यूक्रेन जो है रूस का सामना नहीं कर सकता

लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के देश से उम्मीद किया जा सकता है कि यह लोग यूक्रेन के साथ युद्ध में खड़े होंगे और आगे भी यह लोग दूध में खड़े हुए तो तीसरा विश्वयुद्ध छिड़ जाएगा और यह अनुमान सही भी है तो मेन कारण यही है यह आपसी वर्चस्व की लड़ाई है रूस चाहता है कि दुनिया में मेरा दबदबा हो अमेरिका चाहता है मेरा दबदबा हो

और जैसे कि आप जानते हैं कि इस समय जो है कि सोवियत यूनियन तो बिखर गया है लेकिन यूनाइटेड नेशंस और यूरोपियन यूनियन इस तरीके के नाटो और अन्य तमाम संगठन है जो इस दुनिया पर कब्जा कर के बैठे हुए हैं और उन्हीं के द्वारा यह दुनिया चलाया जा रहा है तो बस यही बात है यह वर्चस्व की लड़ाई है और कुछ नहीं है 

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