हरिभाई गोस्वामी उर्फ मनोज कुमार उर्फ भारत कुमार जिसने इस देश की महानता पर कई फिल्में बनाई । उनमे देश की महानता पर एक से बढ़कर एक गीत लिखवाकर खुद पर फिल्माया भी । पूरब और पश्चिम में अंतर बताने के लिए बाकायदा पूरब पश्चिम नाम की फ़िल्म बना दी । बचपन में हमको भी मनोज कुमार की वो फिल्में और गाने बहुत अच्छे लगते थे । लगता था कितना महान देश है हमारा । वो गाना है ना मनोज कुमार की फ़िल्म का ही है प्रीत जहां की रीत सदा गीत वहीं के गाता हूँ, भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ ।
इसी गाने में एक लाइन और है काले गोरे का भेद नही , हर दिल से हमारा नाता है ।कुछ और ना आता हो हमको हमे प्यार सिखाना आता है ।
मनोज कुमार। आज बड़े हुए तो पता चला कि ये बातें कितनी खोखली थीं ।
छोटे थे तो कितना अच्छा लगता था । आज बड़े हुए तो पता चला कि ये बातें कितनी खोखली थीं । पूरब पश्चिम का अंतर कितना झूठा और धोखा देने वाला था । काले गोरे की बात करने वाला मनोज कुमार कितनी सफाई से जाति की बात को बचा जाता है । जाति की तो बात ही नहीं करता बल्कि उसको तो छूता भी नहीं है । जबकि काले गोरे से ज्यादा संवेदनशील मुद्दा जाति है । उस पर गाने तक मे एक झूठी लाइन तक डालना भूल जाता है । फ़िल्म बनाने की तो बात ही छोड़