Maharashtra: नए संसद के उद्घाटन पर विवाद, अब शिवसेना-कांग्रेस को मिला NCP का साथ, विपक्ष ने की ये घोषणा

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New Parliament Building: नए संसद भवन का 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) को बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) का भी साथ मिल गया है. इस प्रकार इस मामले में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के तीनों घटक अब साथ खड़े दिख रहे हैं. अधिकांश विपक्षी दलों ने इस आधार पर रविवार को नई दिल्ली में होने वाले उद्घाटन समारोह का (New Parliament Building Inauguration) बहिष्कार करने की घोषणा की है कि सरकार ने इस आयोजन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को आमंत्रित नहीं करके लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन किया है.

क्या बोले एनसीपी प्रवक्ता?
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, बीजेपी नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करके देश के शीर्ष संवैधानिक पद को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. यह देश की लोकतांत्रिक परंपराओं का अपमान है. बीजेपी स्पष्ट रूप से 2024 के चुनावों से पहले मोदी की छवि को बढ़ाने की कोशिश कर रही है. तदनुसार, एनसीपी के सभी सांसदों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है और संसद भवन के उद्घाटन समारोह से दूर रहने का फैसला किया है.

क्या बोले संजय राउत?
शिवसेना (उद्धव गुट) के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने दोहराया कि रविवार के कार्यक्रम में उनकी पार्टी भी शामिल नहीं होगी. राउत ने घोषणा की, सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी इसका पालन करेंगे. तापसे ने कहा कि राष्ट्रपति नागरिकों के मौलिक अधिकारों के संरक्षक होते हैं और भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं. इसलिए अधिकांश विपक्षियों को लगता है कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए.

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