दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 डिक्लेअर और कूड़े का पहाड़ कांग्रेस आम आदमी और बीजेपी की भ्रष्टाचार का पहाड़ है, दिल्ली मुंसिपल कॉरपोरेशन का चुनाव 4-5 दिसंबर को निर्धारित किया गया है और 7 दिसंबर 2022 को वोट की गिनती होगी रिजल्ट डिक्लेअर कर दिया जाएगा और बहुत सारा मुंसिपल कानपुर कॉरपोरेशन में काउंसलर्स के जो सीट होते थे वार्ड होते थे उसमें होते थे उसमें बहुत हेरफेर और बदला हट की गई है वार्ड का नंबर चेंज कर बदल चुका है
इसी महीने में आने वाले 4-5 दिसंबर को एमसीडी चुनाव कंप्लीट हो जाएगा और 7 को रिजल्ट को भी घोषणा कर दी जाएगी तो सभी पार्टियां इसकी पहले से ही तैयारी कर रही थी जिसमें आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी इन तीनों पार्टियों ने कुल 250 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतार चुके हैं
और जोड़-तोड़ की लड़ाई पार्टी अदला-बदली की लड़ाई जारी है कैंडिडेट को लुभाने के लिए सभी पार्टियों पूरी कोशिश कर रही हैं मजबूत कैंडिडेट लाने के लिए सभी का भरपूर कोशिश है और उन्होंने अपना लिस्ट जारी भी कर दिया है
और अगर बीते चुनाव को देखा जाए तो बीजेपी हमेशा मेजॉरिटी में रहे हैं और केजरीवाल उस सेकंड पोजीशन पर रहे हैं आम आदमी पार्टी का पोजीशन इस बार इलेक्शन में बहुत कुछ बदलने का ऐसा समीकरण लगाया जा रहा है कि इस इलेक्शन में बहुत कुछ बदलेगा जैसे सीटें बदले हुए हैं वार्ड नंबर बदले हुए वैसे बहुत सारे नेता लोगों सर काउंसलर लोग बदले जाएंगे
दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 पब्लिक एक नए विकल्प की तलाश में है क्योंकि उन्होंने केजरीवाल को भी देख कर के देख लिया
दिल्ली एमसीडी चुनाव 2022 पब्लिक एक नए विकल्प की तलाश में है क्योंकि उन्होंने केजरीवाल को भी देख कर के देख लिया है और बीजेपी को भी बीजेपी को वोट देकर देख चुके हैं कि बीजेपी ने भी काम नहीं किया है वैसे के वैसे नालियों पड़ी हुई हैं पड़े हुए हैं इस बार दोनों पार्टियों ने एक ही कूड़े के पहाड़ को अपने मुद्दा बनाया हुआ है
केजरीवाल को सफाई करवाएंगे यमुना की सफाई करवाएंगे लेकिन आज तक उनकी सरकार के 10 साल हो चुके हैं और अभी तक सफाई नहीं करवाए, फिर भी ढूंढ रही है और हो सकता है कि केजरीवाल की सीट में काफी बढ़त हो
कांग्रेस को तो पहले ही लोगों ने दिल्ली की जनता ने पूरी दिल्ली सौंप दी थी लेकिन कांग्रेस ने बीते दिनों में काम नहीं करने की वजह से और जनता के ऊपर तानाशाही करने की वजह से सत्ता से हाथ धोना पड़ा वैसे ही बीजेपी का हाल है बीते कई दशकों से बीजेपी दिल्ली की मुंसिपल कारपोरेशन पर अपना कब्जा किया हुआ है पर उनका हाल एक तानाशाह के समान हो चुका है
जनता इनसे उठ चुकी है ना नाली बनवाना है ना इसी पर बनवाना है ना ही कोई गली का काम करना है
जनता इनसे उठ चुकी है ना नाली बनवाना है ना इसी पर बनवाना है ना ही कोई गली का काम करना है गिने-चुने कुछ जगहों पर ही लोग काम करते हैं जो भी पोस्ट किला के होते हैं पोस्ट इलाका अमीर रईस रिहायशी इलाकों में बीजेपी कार्य करती है वहीं 70 परसेंट दिल्ली की वोटर मिडिल क्लास अनऑथराइज्ड कॉलोनी में बसते हैं लेकिन आप जाकर पता कीजिए किस कंडीशन में रह रहे हैं
उनके पास न गली है न सीवर है और ना ही पीने का शुद्ध पानी है उनकी कॉलोनी में झाडू लगता है ना सफाई होता है तो बहुत बुरा हालात है इसलिए दिल्ली की जनता है बीजेपी के से काफी खफा है उम्मीद लगाया जा रहा है इस बार हो सकता है कि आम आदमी पार्टी का पलड़ा भारी है लेकिन कहा भी नहीं जा सकता की जनता किधर मिलेगी किधर मारेगी
आम आदमी पार्टी अपर कास्ट जनरल वर्ग विचारधारा की पार्टी है इसको SC ST OBC Minority से सिर्फ वोट का लगाव है
सभी जानते है की भाजपा जनरल वर्ग अपर कास्ट हितकारी पार्टी लेकिन आम आदमी पार्टी नया पार्टी होने के वजह से जनता को यह पता ही नहीं हे की यह एक जनरल वर्ग अर्थात अपर कास्ट हितकारी राजनितिक दल है, लेकिन धीरे धीरे जनता आम आदमी पार्टी का जनरल वर्ग चेहरा समझ में आने लगा और दिखने लगा है
आम आदमी पार्टी अपर कास्ट जनरल वर्ग विचारधारा की पार्टी है इसको SC ST OBC Minority से सिर्फ वोट का लगाव है कहने के लिए तो आम आदमी पार्टी अपने आपको आम आदमी से जोड़ती है लेकिन आपको पता ही है कि आम आदमी कौन है आम आदमी में सबसे ज्यादा जो शेयर करते हैं लोग और 90 फ़ीसदी लोग जो है
वह एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी कि लोग मिलकर के बनते हैं लेकिन आम आदमी पार्टी इनको केवल अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश करती है जबकि देखा जाए तो आम आदमी पार्टी के जो मुख्य हेड है पदाधिकारी हैं वह जनरल कैटेगरी के लोग हैं जनरल वर्ग के लोग हैं जैसे मनीष सिसोदिया राजपूत जनरल गोपाल राय यह भी जनरल और केजरीवाल जनरल
और पीएसी कोर कमेटी के जो नेशनल है हेड है वह भी जनरल मैक्सिमम 99 परसेंट जो आम आदमी पार्टी के डिसीजन मेकर हेड है वह लोग जनरल वर्ग के लोग हैं इसलिए एससी एसटी ओबीसी को गुमराह नहीं होना चाहिए इनके जो अंदर चेहरा है उनको पहचानना चाहिए और बाहर यह चेहरा दिखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं उसको भी पहचानना चाहिए क्योंकि जो आज जैसे अंदर है जैसे यह अंदर हैं वैसे बाहर नहीं दिखते वजह से बाहर हैं वैसे हैं अंदर नहीं
आम आदमी पार्टी में कुछ नकली अंबेडकरवादी विधायक भी हैं जो केवल दिखाने के लिए अंबेडकरवादी बनते हैं और बाबा साहब की तस्वीरें लगाकर उन्होंने ऐसा समाज के लिए दलित समाज के लिए अंबेडकर समाज के लिए ऐसा कुछ खास कार्य तो किया नहीं है जिनके बलबूते वह अपनी पहचान बना सकें तो अपने रुपए पैसे की ताकत पर बल पर जनता इकट्ठा करके और अपने आप को दलित चेहरा बनाने की कोशिश करते हैं
अपने आप को दलित नेता साबित करने की कोशिश करते हैं और सफल भी हो जाते हैं लेकिन हकीकत में जब देखा जाए तो उन्होंने अंबेडकर समाज के लिए क्या किया है तो उनका कार्य नील बटा जीरो दिखाई देता है ऐसे लोगों को पहचानना चाहिए और उन्हें चिन्हित करना चाहिए क्योंकि वह समाज को कब धोखा दे देंगे कुछ कहा नहीं जा सकता
आम आदमी पार्टी भी जब से सरकार में आई है विधायकों के अवधि बहुत ही बिगड़ैल तरीके और वह जनता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं उनकी कार्यकर्ता भी दुर्व्यवहार करते हैं और जनता की परेशानियों को नहीं सुनते जिस से लेकर के स्थानीय जनता में आम आदमी पार्टी के विधायक कार्यकर्ताओं के प्रति आशुतोष और संतोष और संतोष असंतुष्ट है
केजरीवाल की छबि तो अच्छा है पर जनता को केजरीवाल के पास अपना परेशानी नहीं लेकर जाती है वह तो अपने स्थानीय बिधायक के पास जाना होता और केजरीवाल ने ऐसे लोगो को बिधायक बनाया है जिनके ना तो जनता से बात करना आता है और न ही जनता का समस्या का हल करना आता है, यैसे में जनता आप और बीजेपी दोनों से काफी असंतुस्ट नजर रही है
अनऑथराइज्ड कॉलोनी है दिल्ली में उसमें दिल्ली की 70 परसेंट वोटर रहते हैं उनको बेसिक बुनियादी सुविधाएं
इसलिए जनता इन दोनों पार्टियों से काफी खफा है कांग्रेस से तो पहले ही खफा है तलाश कर रही है दिल्ली की जनता तीसरा विकल्प तलाश कर रही है लेकिन उन्हें अभी तीसरा विकल्प दिख नहीं रहा है जिसके वजह से यह कहा जा सकता है कि दिल्ली की जनता का रुख किधर होगा यह कंफर्म बताया नहीं जा सकता लेकिन यह आकलन लगाया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी की मेजॉरिटी बढ़ सकती है और बीजेपी की सीटें कुछ कम हो सकती हैं
लेकिन फिर भी इस पर कुछ साफ कहना अभी नहीं कहा जा सकता खास तौर पर जो अनऑथराइज्ड कॉलोनी है दिल्ली में उसमें दिल्ली की 70 परसेंट वोटर रहते हैं उसमें मिडिल क्लास और लेबर क्लास के लोग हैं और उनको बेसिक बुनियादी सुविधाएं जो एमसीडी को देना चाहिए बीजेपी ने बीते कई दशकों से एमसीडी में होते हुए बेसिक सुविधाएं देने में फेल हुई है
आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार चला रहे हैं लेकिन यह बेसिक बुनियादी सुविधाएं दिल्ली की जनता को देने में असफल रहे हैं
बीते एक दशक से अधिक आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार चला रहे हैं लेकिन यह लोग ने भी जो इनके दायरे में आता है बेसिक बुनियादी सुविधाएं दिल्ली की जनता को देनी चाहिए यह लोग भी उसको देने में असफल रहे हैं इसलिए इन्होंने कोई मुद्दा नहीं मिला तो खुद अपनी गलतियों से जो इन्होंने कूड़े के पहाड़ बनाया है
उसी को मुद्दा बनाकर एमसीडी चुनाव 2022 के मैदान में उतर रहे हैं इन दोनों दरअसल कूड़े का पहाड़ आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों का गलतियों का पहाड़ है दिल्ली की जनता अच्छी तरह से जानती है तो जनता अपने आप को जवाब देगी दिल्ली की जनता बहुत ही समझदार फैसले लेती है