जगन्नाथ मंदिर में फटी जींस, स्कर्ट, निकर पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं की एंट्री पर लगी रोक

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जींस, स्कर्ट, निकर पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने के लिए ‘‘शालीन वस्त्र” पहनने होंगे. हाफ पैंट, निकर, फटी हुई जींस, स्कर्ट और बिना आस्तीन के कपड़े पहनने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

पुलिस से इन पाबंदियों को लागू करने के लिए कहा था

इस नियम के लागू होने से 2024 के पहले दिन मंदिर आ रहे पुरुष श्रद्धालुओं को धोती और तौलिया पहने हुए देखा गया और महिलाएं साड़ी या सलवार कमीज में नजर आईं. एसजेटीए ने पहले इस संबंध में एक आदेश जारी किया था और पुलिस से इन पाबंदियों को लागू करने के लिए कहा था.

परिसर में गुटखा और पान खाने पर प्रतिबंध

अधिकारी ने बताया कि मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में गुटखा और पान खाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसका उल्लंघन करने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है. इस बीच, नव वर्ष के दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए पुरी में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोले गए जो देर रात एक बज कर 40 मिनट से ही ग्रांड रोड पर कतार में खड़े हो गए थे.

80,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने जगन्नाथ धाम के दर्शन किए

पुरी पुलिस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सोमवार को दोपहर 12 बजे तक 1,80,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने जगन्नाथ धाम के दर्शन किए. बिना किसी बाधा के दर्शन सुनिश्चित करने के साथ ही पुलिस दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शन की सुविधा सुनिश्चित कर रही है.” एसजेटीए और पुलिस ने श्रद्धालुओं के सुचारू दर्शन के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं.

शहर में यातायात संबंधी पाबंदियां लगाई गई

सेंट्रल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक आशीष कुमार सिंह ने कहा, “पिछले साल इसी दिन के मुकाबले लगभग दोगुने से ज्यादा श्रद्धालु आज मंदिर के दर्शन कर चुके हैं. देवताओं के दर्शन देर रात एक बजकर 40 मिनट पर शुरू हुए और अब भी चल रहे हैं. देवी-देवताओं से जुड़ी रस्में निभाने के लिए कुछ वक्त तक दर्शन रोक दिए गए थे.”

अधिकारियों ने बताया कि नव वर्ष पर शहर में यातायात संबंधी पाबंदियां लगाई गई हैं. भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में भी सोमवार से पान और तंबाकू उत्पादों के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. तंबाकू या पान चबाते पाए गए श्रद्धालुओं को 11वीं सदी के इस शिव मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है. मंदिर में पॉलिथीन और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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