UP Power Crisis: इंद्र देवता की नाराजगी से यूपी में बिजली संकट के आसार, भीषण गर्मी में आई फॉल्ट की बाढ़

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UP Electricity Crisis: उत्तर प्रदेश वासियों को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. रविवार को बिजली की मांग अनुमान से ज्यादा बढ़ गई. पावर कॉरपोरेशन ने चालू वित्त वर्ष में बिजली की अधिकतम मांग 27775 मेगावाट रहने का अनुमान लगाया था. रविवार को बिजली की अधिकतम मांग 28034 मेगावाट पर पहुंच गई. ऐसे में जल्द बारिश नहीं होने पर बिजली संकट होने के आसार हैं. पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिजली की अधिकतम मांग 26589 मेगावाट थी. 2023-24 के लिए पावर कॉरपोरेशन ने बिजली की अधिकतम मांग 27775 रहने का अनुमान लगाया. मांग की पूर्ति के लिए तैयारियों को आगे बढ़ाया गया. जर्जर खुले तारों की जगह एरियल बंच केबिल लगाने, नए पारेषण उपकेंद्र बनाने का काम हुआ.

मांग बढ़ने पर कैसे होगी बिजली की पूर्ति?

लाइन लॉस कम करने पर भी जोर दिया गया. तमाम कवायद के बावजूद भयानक गर्मी और उमस ने तैयारियों को नाकाफी कर दिया. जून में भीषण गर्मी के दौरान बिजली की खपत बेतहाशा बढ़ गई. 1 मई को बिजली की खपत राज्य में 14,675 मेगावाट से बढ़कर 6 मई तक 19,680 मेगावाट हो गई. 23 मई को बिजली की मांग सबसे अधिक 25,800 मेगावाट पर पहुंच गई. जून में मांग अचानक बढ़ने से जगह-जगह फॉल्ट की गंभीर समस्या पैदा हो गई.

पावर कॉरपोरेशन के सामने ये है चुनौती

बारिश के अभाव में एक बार फिर फॉल्ट बढ़ने लगे हैं. गनीमत है कि सभी स्रोतों से बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है. अधिकारियों का दावा है कि मांग बढ़ने से भी बिजली की किल्लत पैदा नहीं होगी. 2023 के आखिर तक बिजली की उपलब्धता 32356 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई विद्युत उत्पादन परियोजनाओं पर काम चल रहा है. बता दें कि पावर कॉरपोरेशन के सामने लाइन लॉस को रोकने की प्रमुख चुनौती है. बिजली चोरी और लोकल फॉल्ट से लाइन लॉस होता है.

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