बिशप पीसी सिंह चर्च प्रॉपर्टी स्कैम अरबों का क्रिस्चियन धरोहरों जमीन को बेचा, बिशप पीसी सिंह बाप बेटा गये जेल पत्नी की तलाश भारतीय क्रिस्चियन समाज, बिशप पीसी सिंह भारतीय क्रिस्चियन समाज का नाम डुबो दिया जिन्होंने करोड़ों रुपए लगभग 200 बैंक खातों में और करोड़ की गाड़ियां अपना प्राइवेट पर्सनल चार्टर्ड एयरप्लेन इस तरीके की तमाम करोड़ों रुपए का धोखाधड़ी करके चर्च प्रॉपर्टीज को बेचकर हवाला आदि के जरिए स्कूल डोनेशन के नाम पर गमन किया है
यैसे अभी बहुत से बिशप चेयरमैन मैन लाइन चर्च प्रॉपर्टी क्रिस्चियन इतिहासिक धरोहरों को बेच दिया है और बेच रहे उनकी भी जांच होनी चाहिए, ये हैं प्रेमचंद सिंह उर्फ़ बिशप पीसी सिंह.. उस वक्त जब जबलपुर में बिशप प्रेमचंद के घर ईओडब्ल्यू की टोली ने धावा बोल दिया, डेढ़ करोड़ रु. कैश मिला… 128 वित्तीय बैलेंस, फालतू कोठी… सब कुछ मिल गया…
प्रेमचंद सिंह आखिर कैसे और क्यों बिशप बने पीसी सिंह साथ ही, ईओडब्ल्यू की टोली ने किस खंड धोखाधड़ी के तहत सबसे अधिक संख्या में तर्कों के खिलाफ सूचीबद्ध किया गया है देखें बिशप प्रेमचंद पीसी सिंह की हेराफेरी के संबंध में स्पष्टीकरण…
EOW ने कुछ चर्च सहायक संघों को कुछ करोड़ रुपये अन्यायपूर्ण धोखाधड़ी तरीके से स्थानांतरित करने के लिए “उत्तर भारत की मंडली की सभा” सीट मैन “बिशप पीसी सिंह” की जगह पर प्रहार किया,
बिशप पर आम जनता के स्कूलों द्वारा खर्च के रूप में मिले 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की छल का आरोप है। जिसे उन्होंने निजी कार्यों में खर्च किया
इसी तरह उन पर अपनी मर्जी से फाउंडेशन का पहला नाम बदलकर चेयरमैन की सीट पर कब्जा करने का आरोप लगाया जाता है। EOW समूह उनके द्वारा की गई मौद्रिक असामान्यताओं की रिपोर्ट करने के लिए उनके घर और कार्यालय से अभिलेखागार की खोज कर रहा है।
ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह ने बताया कि ‘द लीडिंग ग्रुप ऑफ स्कूलिंग चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया वार्ड’ के निदेशक प्रीस्ट पीसी सिंह और तत्कालीन सहयोगी भर्ती केंद्र बीएस सोलंकी के खिलाफ आपत्ति मिली थी. इन दोनों पर 2.7 करोड़ की चार्ज ट्रिक का आरोप है।
बिशप पीसी सिंह ने इन पैसों को सख्त प्रतिष्ठानों में ले जाकर निजी कामों में खर्च कर स्थिति का दुरुपयोग किया।
संस्था को विभिन्न शिक्षण संस्थानों में ध्यान लगाने वाले छात्रों की फीस से करीब 2.7 करोड़ रुपये मिले थे। निदेशक बिशप पीसी सिंह ने इन पैसों को सख्त प्रतिष्ठानों में ले जाकर निजी कामों में खर्च कर स्थिति का दुरुपयोग किया। दोनों ने वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2011-12 के बीच यह चूक की।
जैसा कि ईओडब्ल्यू द्वारा इंगित किया गया है, हमले के दौरान, समूह एसोसिएशन के कार्यकारी के हेराफेरी रिकॉर्ड की तलाश कर रहा है। यह पुष्टि की जाती है कि उन्होंने अपने अनुमोदित समर्थन के बिना संगठन का पहला नाम भी बदल दिया। साथ ही स्वेच्छा से प्रशासक बन गए।
परीक्षा में उजागर हुए सबूतों के आलोक में, खंड 406, 420, 468, 471, 120बी के तहत निंदा किए गए बिशप पीसी सिंह, बीएस सोलंकी के खिलाफ सबूतों का एक समूह दर्ज किया गया है। सब-मॉनिटर विशाखा तिवारी मामले की जांच कर रही हैं। जैसा कि रिपोर्टों से संकेत मिलता है, बिशप पीसी सिंह के बारे में चौंकाने वाली वास्तविकताएं ज्ञात हो गई हैं। देश भर में कुल 99 एफआईआर दर्ज हैं।
बिशप पीसी सिंह के अभद्रता कारनामे जब से खोजी संगठनों के रडार पर हैं, तब से लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. वर्तमान में एंग्लिकन चर्च ऑफ इंडिया और अन्य ईसाई संघों ने बिशप पीसी सिंह और उत्तर भारत की मंडली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बिशप पीसी सिंह को निष्कासन के साथ ही सीबीआई से गुहार लगाई है.
उन्होंने उच्च न्यायालय के अनुरोध का हवाला देते हुए उत्तर भारत की मंडली को एक अवैध संगठन का नाम दिया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि जबलपुर में लूटपाट के खिलाफ कई बार संगठन को बड़बड़ाया गया लेकिन उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया.
एंग्लिकन चर्च ऑफ इंडिया ने व्यक्त किया कि उत्तर भारत की मण्डली की दुर्बलता के खिलाफ देश भर में उनके द्वारा लगभग 150 प्राथमिकी रोक दी गई हैं। जबलपुर – स्वीकृत विमान के मालिक बिशप पीसी सिंह अनुबंधित विमान से पूरे ग्रह का चक्कर लगाते थे,
अपने स्वयं के पायलट और समूह के कर्मचारियों को नामित किया था, ईओडब्ल्यू को डायोकेसन के स्वीकृत विमान के बारे में डेटा मिला,सूबा के अनुबंधित विमान को नागपुर का स्टेशन बताया जा रहा है. ईओडब्ल्यू विमान की तलाश में जमा हो रहे हैं
सबूत, परीक्षा में उजागर हुए कितने स्कूलों से डेढ़ करोड़ के वाहन खरीदे थे बिशप पीसी सिंह ने। बिशप पीसी सिंह ने स्कूल के माप के 1.5 करोड़ के वाहन खरीदे | EOW की जांच में 5 वाहनों (1.5 करोड़ मूल्य के वाहन) के कितने स्कूलों के साथ अधिग्रहण का खुलासा हुआ है।
जिसका खर्च करीब 1.5 करोड़ (1.5 करोड़ के वाहन) होने का अनुमान है। सभी वाहनों को सीज कर दिया गया है। ईओडब्ल्यू अभी डायोकेसन पीसी सिंह से जुड़ी खबरों की जांच कर रहा है। वर्तमान में लोक प्राधिकरण को उनकी अभद्रता के खिलाफ सख्त होना चाहिए और निष्पक्ष परीक्षा का नेतृत्व करना चाहिए।
अकेले जबलपुर में ही यह हो रहा है कि शिक्षकों को लंबे समय से वेतन नहीं दिया गया है, जबकि उत्तर भारत की मंडली के मध्यस्थ डायोकेसन पीसी सिंह के स्थान से करोड़ों निकल रहे हैं।
जबलपुर बिशोप्रिक के बिशप पीसी सिंह के बाद ईओडब्ल्यू ने उनके बच्चे पीयूष पॉल सिंह को भी पकड़ लिया है। ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि बिशप का बच्चा पीयूष उसके हर अंधेरे साहसिक कार्य में लगा हुआ था।
ऐसे में ईओडब्ल्यू ने बिशप के बच्चे पीयूष पॉल सिंह को पकड़ लिया। पीयूष को पकड़ने के बाद ईओडब्ल्यू की असाधारण अदालत में पेश किया गया था। यहां से कोर्ट ने बिशप के बच्चे पीयूष सिंह को 14 दिन के कानूनी संरक्षण में भेज दिया है. यानी बिशप पीसी सिंह नहीं है
जर्मनी से भारत आने पर सिंह को मिल गया था
*बदलाव की बात भी परीक्षा के लिए याद की जाती है।
- एक एनजीओ है। खेल इसी संस्था के माध्यम से खेला जाता है
- सभी व्यक्ति ऐसा नहीं करते हैं। ध्यान से विचार करने के बाद ही अपने विचार यहाँ प्रस्तुत करें।
गुरुवार को जर्मनी गए बिशप पीसी सिंह के स्थान पर ईओडब्ल्यू गुट ने धावा बोल दिया. एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए असली पैसे, 118 पौंड, 18352 अमेरिकी डॉलर, 80 लाख 72 हजार रुपए जिसमें दो किलो वजनी सोने के आभूषण शामिल हैं।
संपत्तियों की रिपोर्ट और बहीखातों के संबंधित अभिलेखागार को जब्त कर लिया गया।
उत्तर भारत के चैपल की अरबों कीमत की महत्वपूर्ण जमीन के हेराफेरी के जाल में फंसे जबलपुर के बिशप पीसी सिंह को नागपुर हवाई अड्डे से पकड़ लिया गया।
बिशप पीसी सिंह क्रिश्चन समाज का नाम डुबो दिया जिन्होंने करोड़ों रुपए लगभग 200 बैंक खातों में और करोड़ की गाड़ियां अपना प्राइवेट पर्सनल चार्टर्ड एयरप्लेन इस तरीके की तमाम करोड़ों रुपए का धोखाधड़ी करके चर्च प्रॉपर्टीज को बेचकर हवाला आदि के जरिए स्कूल डोनेशन के नाम पर गमन किया है
यही क्रिश्चियन समाज के बहुत सारे पास्टर प्रचारक पासवान आर्थिक तंगी हालत में प्रभु यीशु की सेवा चर्च कलीसिया आदि का कार्य करते हैं उनके पास आराधना करने का कोई ढंग का स्थल नहीं है और ना ही उनका रहने का कोई अच्छा व्यवस्था है उनके पास खाने का सही भोजन वस्तु नहीं है
कितने सेवकों पास्टर प्रचारक हैं जिनके पास साइकिल तक नहीं वही क्रिश्चियन समाज में बिशप पीसी सिंह जैसे लोग हैं क्रिस्चियन पुरखों की धरोहर बेच कर खुद की हवाई जहाज से चलते है
यहां तक कि कितने पास्टर प्रचारक पासवान हैं जिनके पास साइकिल तक भी नहीं है जा करके लोगों को सुसमाचार का प्रचार कर सकें और वही क्रिश्चियन समाज में प्रेमचंद सिंह उर्फ़ बिशप पीसी सिंह जैसे लोग हैं जो चर्च की प्रॉपर्टी और पैसे का दुरुपयोग करके क्रिस्चियन पुरखों की धरोहर बेच कर खुद की हवाई जहाज से चलते है अपने खुदके परिवार ने हित दोस्त रिश्तेदार आदि को धनवान बनाने पर लगे पड़े हैं
और चर्च मिशन की प्रॉपर्टी बेचने पर लगे पड़े हैं यह लोग और इस प्रकार के लोग क्रिश्चियन समाज के नाम पर के लिए एक गंदे दाग और धब्बे के समान है जो केवल अपना ही सुख जानते हैं और समाज के गरीब तबके के रभु यीशु के सेवकों पास्टर प्रचारक आदि का कोई ध्यान नहीं लेते हैं
मसीह समाज के लोग अपना दसवां अंश दान इत्यादि मसीही समाज की उन्नति के लिए देते हैं कि वे लोग जो तंगी हालात में रहकर भी प्रभु यीशु के सेवा को आगे बढ़ा रहे हैं उनकी मदद की जाए लेकिन भारत में मसीही समाज में सीएनआई और c.n.i. की तरह और भी मेन लाइन चर्च है
जिनका क्रिश्चियन समाज के प्रॉपर्टी और मिशनों संस्थाओं पर कब्ज़ा हैं जो मिशन की पूरे पैसे को अपनी खुद की स्वार्थ पूरा करने के लिए अपने सगे संबंधी का निजी स्वार्थ पूरा करने के लिए दुरुपयोग करते हैं इस प्रकार के लोगों को भारतीय क्रिश्चियन समाज के मेन लाइन चर्च के पदभार से हटाया जाना चाहिए
और उन सभी के ऊपर सरकार द्वारा स्पेशल इंक्वायरी बैठाई जानी चाहिए और उनकी प्रॉपर्टी का यहां से लेकर के देश-विदेश और उनके बैंक खातों का लेन-देन का हर चीज का सरकार को जांच के द्वारा इकट्ठा करना चाहिए और उजागर करना चाहिए ताकि मसीही समाज सही तरह से अच्छी तरह से इस देश में फल फूल सके और इसके लिए मसीह समाज के लोग भी जिम्मेदार हैं जो इस प्रकार के भ्रष्ट मिशन के पदाधिकारियों के चापलूसी और चमचागिरी में और समर्थन में लगे रहते हैं