राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस में रहे नीरज देव भारतीय ने बहुत हैरान कर देने वाला खुलासा संघ की साज़िश के बारे में किया है कि कैसे संघ 98 साल से भारतीयों से भारत माता के नाम पर अंग्रेजों की देवी की पूजा करा रहा है।
साभार: Devendra Surjan
भारत माता की माता कौन है?
जिस भारत माता की पूजा हम आर एस एस की शाखा या किसी कार्यक्रम में करते हैं क्या वह भारत माता की प्रतिमा है या इंग्लैंड की देवी लेडी ब्रिटेनिया की?
क्योंकि भारत माता की पहली फोटो जो 1905 में रविंद्र नाथ टैगोर जी के बड़े भाई अवनींद्र नाथ टैगोर जी ने बनाई थी जिसमें भारत माता को चार हाथ के रूप में दर्शाया गया है वही असली भारत माता की प्रतिमा है तो फिर यह भारत माता की प्रतिमा कहाँ से आई और क्यों? ऐसी क्या मजबूरी या आवश्यकता थी कि वह प्रतिमा बदलकर वर्तमान वाली प्रतिमा बनाई गई?
भारत माता की जो असली फोटो है वह सादगी पूर्ण है। लेकिन भारत माता की नवीन फोटो जो दिखाई जाती है वह असली फोटो से बहुत अलग है इसमें फोटो के साथ शेर दिखाया जाता है जबकि शेर तो इंग्लैंड का राष्ट्रीय पशु है और क्योंकि शेर इंग्लैंड की राष्ट्रीय पशु है इसलिए उसे इंग्लैंड की देवी लेडी ब्रिटेनिया के साथ रखा गया है, जबकि भारत का राष्ट्रीय पशु तो बाघ है, तो फिर क्या कारण रहा कि जब भारत माता कि नई प्रतिमा बनाई गई तो उसमें बाघ की जगह शेर रखा गया?
जब भारत माता के चार हाथ दिखाए गए थे और संघ ने भी शुरू में भारत माता की प्रतिमा चार हाथों वाली बनाई तो फिर दो हाथ क्यों कर दिए?
संघ द्वारा अपनाई गई भारत माता की प्रतिमा में पहले शेर पीछे था ताकि पता न चल सके कि वह शेर है या बाघ और फिर धीरे धीरे समय के साथ वह सामने आ गया और शेर पूरा दिखने लगा। यह परिवर्तन क्यों , कब और कैसे किया गया ?