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इजरायली बमबारी में तबाह हुए गाजा में रह रहे फिलिस्तीनियों के लिए आखिरकार मिस्र ने अपनी सीमा खोल दी हैं। मिस्र द्वारा गाजा बॉर्डर खोलते ही फिलिस्तीनियों को दवा, भोजन जैसी आवश्यक वस्तु सामग्री मिलनी शुरू हो गई है। इससे युद्ध पीड़ितों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और भारत समेत कई देशों की ओर से फिलिस्तीनियों के लिए राहत सामग्री भेजी गई है। मगर अभी तक गाजा में प्रवेश करने का रास्ता नहीं मिलने से सैकड़ों ट्रक बॉर्डर के पास ही खड़े थे। अब मिस्र ने गाजा सीमा को मानवीयता को ध्यान में रखते हुए खोल दिया है। इससे हजारों पीड़ितों की उम्मीदों के कमल खिल उठे हैं।
जानकारी के अनुसार मिस्र और गाजा के बीच की सीमा शनिवार को खोल दी गई जिसके बाद इजराइली घेराबंदी वाले क्षेत्र में भोजन, दवा और पानी की कमी से जूझ रहे फलस्तीनियों के लिए सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। गाजा जाने के लिए 200 से अधिक ट्रक लगभग 3,000 टन सहायता सामग्री लिए कई दिनों से सीमा पर खड़े थे। एसोसिएटेड प्रेस(एपी) के एक संवाददाता ने इन ट्रकों को अंदर फलस्तीन में प्रवेश करते देखा। हमास के आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी इजराइल के शहरों पर सात अक्टूबर को हमले किए जाने के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी की घेराबंदी कर दी और कई जवाबी हवाई हमले किए।
भोजन-पानी को तरस रहे पीड़ित
गाजा पर हमले की वजह से लोग भूख, प्यास और दवा के लिए तड़प रहे हैं। दिन में एक बार भोजन करने को मजबूर और पेयजल की कमी से जूझ रहे गाजा में कई लोग सहायता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बमबारी में बड़ी संख्या में घायल हुए लोगों का उपचार कर रहे अस्पताल कर्मियों को भी चिकित्सा आपूर्ति और जनरेटरों के लिए ईंधन की तत्काल आवश्यकता थी। सैकड़ों विदेशी नागरिक भी युद्ध के बीच गाजा से मिस्र जाने के लिए सीमा के खुलने का इंतजार कर रहे थे। अब युद्ध पीड़ितों को बड़ी राहत मिलनी शुरू हुई है। इस बीच हमास द्वारा एक अमेरिकी महिला और उसकी किशोर बेटी को रिहा किए जाने के बाद शनिवार को इजराइल और फलस्तीनी आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई। (एपी)
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