Kota News: 'बंद होनी चाहिए कोटा में मांस की अवैध दुकानें', BJP विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा

[ad_1]

Kota News: राजस्थान में सरकार बदलते ही कोटा शहर में मांस की अवैध दुकानों, अतिक्रमण को हटाने और लाइसेंस की दुकानों को ही संचालित करने की मांग उठने लगी थी. इसी के चलते कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कोटा शहर में धार्मिक स्थानों व सार्वजनिक स्थान पर खुले में मांस बिक्री एवं अवैध मांस की दुकानों के कारण लोगों को हो रही परेशानी का मामला विधानसभा में उठाया है. साथ ही इस पर उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की है.

‘देशभर से आते हैं कोचिंग स्टूडेंट’
विधायक संदीप शर्मा ने राजस्थान विधानसभा की प्रकिया और कार्य संचालन संबंधी नियम 295 के तहत राज्य सरकार का ध्यान कोटा शहरवासियों से जुड़ी एक प्रमुख समस्या की और आकर्षित किया. उन्होंने कहा, “कोटा शहर कोचिंग हब होने के कारण कोटा को शैक्षणिक नगरी के नाम से जाना जाता है. उन्होंने विधानसभा में कहा कि कोटा शहर के कई धार्मिक स्थलों, घनी आबादी क्षेत्रों मुख्य बाजारों, शिक्षण संस्थाओं के आसपास व सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से खुले में संचालित मांस की दुकानों से कोटा का नाम खराब हो रहा है. मांस विक्रेता बिना लाइसेंस के कई स्थानों पर खुले में मांस की ब्रिकी से आम नागरिकों व राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.”

‘कोटा के जलस्त्रोत भी मांस की दुकानों से हो रहे प्रदूषित’
उन्होंने आगे कहा, “अवैध रूप से संचालित मांस की दुकानों के कारण जल स्रोत भी प्रदुषित हो रहे हैं, अवैध रूप से अतिक्रमण हो रहे हैं. वहीं हमारी संस्कृती खुले में मांस बिक्री की नहीं रही है. कोचिंग विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं आमजन पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है. कोटा की नकारात्मक छवि बनती है, लेकिन बिना लाइसेंस के ही अधिकांश मांस की दुकानें पिछले पांच सालों में जिनकी जांच नहीं होने के कारण हर स्थान पर दुकानें लगा दी गई हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि इन्हें बढ़ावा दिया है जिससे अवैध मांस की दुकानों की संख्या बढ़ती चली गई.”

‘अवैध रूप से चल रहीं मांस की दुकानें’
विधायक संदीप शर्मा ने कहा, “कोटा में लोगों के लिए स्वच्छता व स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो गई हैं. लोगों को बहुत अप्रिय स्थिति से आम जन को निकलना पड़ता है.” उन्होंने विधानसभा में आमजन की आवाज को बुलंद करते हुए कहा, “दुकानें बिना लाइसेंस के संचालित हो रही हैं, उनकी जांच करवाने की आवश्यकता है और समय समय पर लाइसेंस धारकों के द्वारा बेचे जाने वाले मांसाहारी खाद्य पदार्थों की जांच करवाई जाए और अवैध मांस, मछली की दुकानों को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए.”

उन्होंने आरोप लगाया कि लोग लंबे समय से इन मांस की दुकानों को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार में इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं, ऐसे में अब इन अवैध दुकानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें

Udaipur: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लौटे मेवाड़ के युवराज का हुआ भव्य स्वागत, जानिए क्या है परंपरा?

[ad_2]

Leave a Comment