परीक्षा में गब्बरसिंह का चरित्र के बारे में लिखने के लिए कहा गयादसवीं के एक छात्र ने लिखा-1. सादगी भरा जीवन-:- शहर की भीड़ से दूर जंगल में रहते थे,एक ही कपड़े में कई दिन गुजारा करते थे,खैनी के बड़े शौकीन थे.
2. अनुशासनप्रिय-:- कालिया और उसके साथी को प्रोजेक्ट ठीक से न करने पर सीधा गोली मार दिये थे.3.दयालु प्रकृति-:- ठाकुर को कब्जे में लेने के बाद ठाकुर के सिर्फ हाथ काटकर छोड़ दिया था, चाहते तो गला भी काट सकते थे
गब्बरसिंह इस युग के ‘लाफिंग बुद्धा’ थे
4. नृत्य संगीत प्रेमी-;- उनके मुख्यालय में नृत्य संगीत के कार्यक्रम चलते रहते थे..’महबूबा महबूबा’,’जब तक है जां जाने जहां’.बसंती को देखते ही परख गये थे कि कुशल नृत्यांगना है.
5. हास्य रस के प्रेमी-:- कालिया और उसके साथियों को हंसा हंसा कर ही मारे थे. खुद भी ठहाका मारकर हंसते थे, वो इस युग के ‘लाफिंग बुद्धा’ थे.
गब्बरसिंह बेचारा गब्बरवा तो बहुत बड़ा समाज सेवक था.
6. नारी सम्मान-:- बंसती के अपहरण के बाद सिर्फ उसका नृत्य देखने का अनुरोध किया था,7. भिक्षुक जीवन-:- उनके आदमी गुजारे के लिए बस सूखा अनाज मांगते थे,कभी बिरयानी या चिकन टिक्का की मांग नहीं की.. .
8. समाज सेवक-:- रात को बच्चों को सुलाने का काम भी करते थे ..टीचर ने पढा तो उनकी आँख भर आई और बोला सारी गलती जय और वीरू की ही थी….बेचारा गब्बरवा तो बहुत बड़ा समाज सेवक था……..