चंदौली कांड: गैंगस्टर नहीं मिला तो UP पुलिस उसके मासूम बेटियों पिट पिट के मार डाला उप्र पुलिस चंदौली में गैंगस्टर कन्हैया यादव के पकड़ने गयी नहीं मिला तो परिवार की 2 बेटियों को इतना मारा की एक मर गयी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला में वहां के गैंगस्टर कन्हैया यादव को दिन में ही गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस 40 सिपाहियों के ग्रुप के साथ उसके घर पर पहुंचती है लेकिन कन्हैया यादव घर पर मौजूद नहीं है उसकी दो बेटियां वहां मौजूद थी जिसमें से एक का नाम निशा यादव जिसकी उम्र 22 साल और दूसरी उसकी छोटी बहन वहां पर मौजूद थी
पुलिस ने जब चारों तरफ घर का छानबीन किया लेकिन कोई नहीं मिला तो उनकी बेटियों को मारना पीटना शुरू कर दिया और इतना मारा कि वह अधूरी सी हो गई दोनों बहने दो कमरों में जाकर छुपी हुई थी जब वह निशा यादव को मार रहे थे तब वह छोटी बहन गुंजा यादव को बार-बार आवाज लगा रही थी बचाओ गुंजा मुझे बचाओ गुंजा की छोटी बहन खुद भी कमरे में छिपी हुई थी उसको बताया जा रहा है कि उसके साथ रेप भी हुआ है बलात्कार भी हुआ है
और उसको पुलिस जब 15 मिनट बाद उसको मार देती है तो उसके बाद उसको गले में फंदा लगाकर छत में लटका देती है ताकि आत्महत्या का रूप दे सके लेकिन की सारी करतूतों का पर्दा हो जाता है बेपर्दा हो जाता है जब छोटी बहन कुंजा यादव सारी बातों का खुलासा करती है उसको भी इन लोगों ने बहुत बुरी तरह से मारा इतना मारा कि वह भी अधूरी सी हो गई बेहोशी की हालात में हॉस्पिटल पहुंचाई गई जहां पर जब उसका होश आया तो उसने अपना बयान दिया और बिटिया को और लोगों को बताया कि किस तरह से उन लोगों ने अत्याचार किया
तो क्या जो गैंगस्टर हैं उनके बेटे बेटियों को पुलिस को मार देना चाहिए हत्या कर देना चाहिए या गैंगस्टर को गिरफ्तार करने चाहिए यूपी में बहुत बुरी तरह से जब से योगी जी की सरकार आई है तो इन्होंने इनकी सरकार में काफी यादव लोगों को टारगेट किया गया है और उनको एनकाउंटर ने और कई तरीके से मार दिया गया है उनके गैस्ट्रो को पकड़ा गया है उनको जेल में डाल दिया गया पूरा सफाई लोगों को समाजवादी लोगों को छोड़ा नहीं गया है
चंदौली कांड लोग सड़कों इसका विरोध करने लगे विरोध को देखते हुए उन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है
और इधर जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मामला तूल पकड़ लिया चारों तब से आवाजें उठने लगी हर पार्टी के लोग इसका विरोध करने लगे और लोग जमीन पर उतर गए इस मामले को लेकर के कांग्रेस समाजवादी पार्टी भीम आर्मी जो भी सारे बीएसपी सभी पार्टियों के लोग सड़कों पर उतर गए और इसका विरोध करने लगे विरोध को देखते हुए उन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और उनके ऊपर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया
लेकिन इसमें जो 302 का दफा लगना चाहिए था उसमें उनके ऊपर 304 का लगाया गया है कि एक्सीडेंट के द्वारा हत्या हुई है के बीच बचाव करने का कोशिश किया गया धारा मुकदमा लगा करके लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी वर्दी पर लगे दाग को मिटा नहीं सकती क्योंकि उन्होंने अभी हाल ही में एक छोटी बच्ची को जो 13 साल की बच्ची थी जिसको किडनैप करके लोगों ने रेप बलात्कार किया और उसके करने के बाद उसको लाकर के थाने के क्षेत्र में छोड़ कर चले जाते हैं
तो वहां का थानेदार जो है सच होते उस 13 साल की बच्ची के साथ उसका मदद करने के बजाय उसका केस मुकदमा दर्ज करने के बजाय पीड़ित को ही साथ बलात्कार करते हैं वह थाने में दो बार उसको बलात्कार किया जाता है और उसके बाद उसकी मौसी को बुलाया जाता है फिर उसको छोड़ दिया जाता है लेकिन वह लड़की चाइल्ड हेल्पलाइन की जो संस्था है सामाजिक संस्था वहां पर उसका देखभाल के लिए भेज दिया जाता है
क्योंकि वह नाबालिग 13 वर्ष की थी तो उस दौरान वहां पर काउंसलिंग के दौरान उसने बताया कुछ के साथ चार लोगों ने बलात्कार किया उसके बाद जब वह थाने में पहुंचाई गई तो वहां पर वहां के एसएचओ ने बलात्कार किया और उसने काउंसलिंग में बताया कि उसमें मेरे मौसी भी शामिल है मेरे मासी का लड़का भी शामिल है उन सभी लोगों को पता है
जिस पर उनको भी गिरफ्तार किया क्या यह घटना उत्तर प्रदेश के पुलिस के ऊपर एक निशान छोड़ रही है कि प्रदेश की पुलिस व्यवस्था गिरती जा रही है और इसमें इन घटनाओं को देखकर यूपी पुलिस को सबक लेना चाहिए और लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रखना चाहिए ताकि लोगों का जो विश्वास भरोसा यूपी पुलिस पर है वह विश्वास भरोसा नहीं बल्कि विश्वास भरोसा उन पर बना रहे