दिनेश कुमार बने ACP, दिनेश कुमार ACP असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस जो अप्रैल 2016 में थाना विजय विहार से गलत षड्यंत्र के तहत कर दिए गए थे बर्खास्त. और वह आज दिनांक 09/03/2021 से पार्लियामेंट स्ट्रीट में ACP पदभार संभाल रहे है. और दिनेश कुमार जो दिल्ली पुलिस की वर्दी का मान सम्मान बढ़ानेवाले पुलिस अधिकारी है. और जो एक बहुत ही सुलझे हुए तथा न्यायप्रियछवि के निष्ठावान व्यक्ति है,और दिल्ली पुलिस के थानों में कई बार एसएचओ रहे चुके है,और जहां भी रहे वहां सख्ती से लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करते है. और अपने पूरे पुलिस स्टाफ में एक रोल मॉडल के के समान रहे है । वह अपने पावर व कानून का दुरुपयोग नहीं करते.और जिस थाने में रहे उस थाना क्षेत्र में असामाजिक तत्व सुधर गए या फिर अंडर ग्राउंड हो गए. यहाँ तक कि वहां आम जनता में अमन और शांति कायम किए. और दिल्ली पुलिस की वर्दी को दाग नहीं लगने दिया. यहाँ तक कि इनके कार्यकाल में लोगों का भरोसा दिल्ली पुलिस के प्रति बढ़ता ही चला गया.पर अब दिनेश कुमार ACP असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस बने है लेकिन वह काला दिन उनके जीवन में दस्तक दिया, जब वह विजय विहार थाना क्षेत्र में असामाजिक तत्वों के नाक में दम कर दिया था. जिसके कारण उनकी सारी अपराधिक गतिविधियां दम तोड़ने लगी थी. और जिस पर असामाजिक तत्वों ने साजिश के तहत महिला सुसाइड केस में उलझाया. जिसमें उन्होंने बहुत ही कठिनाइयों का अंदरूनी और बाहरी दोनों तरफ से सामना किया. साधारण सा दिखने वाले इस असाधारण छवि वाले व्यक्ति ने अपनी सूझबूझ हिम्मत साहस से परिस्थितियों का सामना करते रहे. और आज वह ख़ुशी का दिन आगया,और दिल्ली पुलिस ने अपने होनहार ईमानदार ऑफिसर को ACP पद पर प्रमोट किया,और दिनेश कुमार बने असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस ACP, तथा दिल्ली पुलिस का यह काम सराहनीय है. और वह फिर से वर्दी का मान और सम्मान बढ़ाते हुए. आम जनता के बीच में ईमानदारी और बेबाकी से दिल्ली पुलिस की सेवा में लग गए. और दुःख यही कि उनके संघर्ष का फल थोड़ा देर से मिला. क्युकी इनका प्रमोशन बहुत पहले हो जाना था. दिल्ली पुलिस ने श्री दिनेश कुमार को असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस बनाया, यह इनकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी से दिल्ली पुलिस का सेवा करने का प्रतिफल है जो आज वह एसीपी पद पर है. और आम जनता के बीच में वर्दी का मान बढ़ा रहे हैं.
आला अधिकारियों के निर्णय पर सवाल उठा। लिया गया फैसला गलत था। दिनेश कुमार बने ACP
तीस हजारी कोर्ट के बाहर गत 2016 वर्ष एक युवती की आत्महत्या के मामले में बर्खास्त किए गए इंस्पेक्टर दिनेश कुमार को बुधवार शाम फिर से बहाल कर दिया गया। युवती ने अपने सुसाइड नोटमें इंस्पेक्टर दिनेश पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। पिछले साल 30 अप्रैल को मध्य रेंज के संयुक्त आयुक्त वीरेंद्र सिंह चहल व उत्तरी जिला के तत्कालीन डीसीपी मधुर वर्मा की सिफारिश पर विशेषसे आयुक्त कानून एवं व्यवस्था (उत्तरी) है। एस बी के सिंह ने बिना जांच कराए तत्काल प्रभाव से इंस्पेक्टर दिनेश को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था।
पुलिस आयुक्त ने कहा है कि इस मामले में बर्खास्तगी तो दूर निलंबन की कार्रवाई भी नहीं बनती थी।
इंस्पेक्टर दिनेश ने 23 मई 2016 को तत्कालीन पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा के पास अपील कर कहा था कि उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त किया गया है, उन्हें वापस लिया जाए।अपील पर वर्मा ने क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी थी, लेकिन वर्मा के पुलिस आयुक्त रहते जांच पूरी नहीं हो सकी थी।
अब जांच रिपोर्ट पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को सौंपी गई तो उसके आधार पर उन्होंने रोहिणी जिले के डीसीपी ऋषिपाल को दिनेश कुमार को बहाल करने का निर्देश दिया। सूत्रों का कहना है कि पुलिस आयुक्त ने कहा है कि इस मामले में बर्खास्तगी तो दूर निलंबन की कार्रवाई भी नहीं बनती थी।
आयुक्त ने माना कि आला अधिकारियों द्वारा लिया गया फैसला गलत था। पर अब दिनेश कुमार बने ACP इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की खबर को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था और आला अधिकारियों के निर्णय पर सवाल उठाए थे।
दिनेश कुमार बने ACP इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया था
इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया था साथ ही बगैर उपराज्यपाल की अनुमति के केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया था। यह था मामला 29 अप्रैल 2016 की दोपहर पुलिस को कॉल मिली थी कि एक युवती तीस हजारी कोर्ट के गेट नंबर 1-ए के बाहर बेहोश पड़ी है।
कैट्स एंबुलेंस जब उसे अस्पताल ले जाने लगी तो मनीष नाम के व्यक्ति ने एंबुलेंसकर्मियों को पांच पेज का सुसाइड नोट व पर्स दिया था। पर्स में रखे आधार कार्ड से उसकी पहचान रेखा उर्फ तनु के रूप में हुई थी। सल्फास की गोलियां खाने से उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी। सुसाइड नोट में उसने इंस्पेक्टर दिनेश पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था।