मोदी फरमान अब नहीं जलेंगे अमर ज्योति जवान मशाल इंडिया गेट पर बदल दिया जगह

अमर ज्योति जवान
अमर ज्योति जवान

मोदी फरमान अब नहीं जलेंगे अमर ज्योति जवान मशाल इंडिया गेट पर बदल दिया जगह क्या है अमर ज्योति जवान का इतिहास अमर ज्योति जवान एक हमारा ऐतिहासिक स्थल है । जो 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच में जो युद्ध हुआ और युद्ध के दौरान जो हमारे सैनिक शहीद हुए और जो अज्ञात हो गए । और अज्ञात सैनिकों के याद में यह अमर ज्योति जवान ऐतिहासिक स्थल का निर्माण किया गया । अमर ज्योति जवान में एक कुर्सी है और कुर्सी के ऊपर एक कब्र है।


अमर ज्योति जवान शहीद ऐतिहासिक स्थल पर जो एक आपको खड़ी राइफल दिखेगी राइफल के ऊपर एक मिलिट्री हेलमेट दिखेगा रखा हुआ है। जो एक अज्ञात सैनिक के यह राइफल है और उसका मिलिट्री हेलमेट है वह व्यक्ति अज्ञात है और उसके आदमी को रखा गया है और इस तरह से हमारे ना जाने कितने सैनिक आज भी अज्ञात हैं जिनका सबूत हमें नहीं मिलता है कि वह कहां है कैसे हैं किस हाल में और यह अमर ज्योति जवान जो यहां पर ज्योति जल रही है वह बीते 50 वर्षो से चल रहा है।

लेकिन आज उस अमर ज्योति जवान पर भी राजनीति होने लगा है उसको वहां से हटाया जा रहा है जोकि आप देखे होंगे अगर आप ने संसद भवन गए होंगे इंडिया गेट गए होंगे तो आप जरूर देखे होंगे यह दिल्ली में और पार्लियामेंट के पास जो इंडिया गेट है । और पास में ही सुप्रीम कोर्ट है दिल्ली हाईकोर्ट है सीपी है कनॉट प्लेस है इन सभी बीचो बीच में उसके पास यह जो इंडिया गेट के खुले में यह अमर ज्योति जवान अस्थल मौजूद है

जहां हमेशा उसकी उन शहीद और अज्ञात जवानों की याद में उनके सम्मान में यह ज्योति जलती रहती थी लव जलता रहता था । लेकिन आज उस पर भी सरकार और राजनीतिक हस्तियों की बुरी नजर पड़ गई है आज उस ज्योति को बुझाने की साजिश की गई है और वहां पर सुभाष चंद्र बोस का स्टेचू लगाया जाएगा यह कहना है केंद्र सरकार का

अमर ज्योति जवान शहीद स्थल का निर्माण 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के स्मरण में यह अमर ज्योति जवान स्थल ऐतिहासिक संहिता स्थल शहीद स्थल 1972 में कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री मती इंदिरा गांधी ने बनवाया था उन शहीदों और अज्ञात सैनिकों के सम्मान में याद के लिए लेकिन आज धीरे-धीरे देश के इतिहास को बदलने की साजिश किया जा रहा है । 1971 की भारत पाकिस्तान की जो जंग है वह वाकई में यादगार और एक ऐतिहासिक जंग और जीत है । भारत के लिए गर्व की बात है क्योंकि उस युद्ध में भारत ने अपने 3800 लगभग 4000 सैनिक शहीद हुए थे और इस युद्ध में भारत की जीत हुई थी ।

1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध

और पाकिस्तान के 93000 सैनिकों पर भारत के सैनिकों ने कब्जा कर लिया और 7:30 करोड़ 7.5 करोड़ बांग्लादेशियों को पाकिस्तान से आजादी दिलाया गया इसलिए यह युद्ध एक ऐतिहासिक युद्ध था और ऐतिहासिक जीत था । भारत के लिए जिसको याद करने के लिए स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी ने जो उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री थी भारत देश का सो उन्होंने यह फैसला लिया था की अमर ज्योति जवान शहीद ऐतिहासिक शहीद स्थल बनाया जाए

और वहां उन जवानों को याद किया जाए जिन्होंने अपनी कुर्बानियां दी हैं 16 दिसंबर 1971 को भारत पाकिस्तान का ऐतिहासिक युद्ध हुआ जिसमें बांग्ला देश आजाद हुआ पाकिस्तान से और 26 जनवरी 1972 को यह अमर ज्योति जवान शहीद स्थल का निर्माण हुआ और उद्घाटन किया गया।

१९७१ का भारत-पाक युद्ध - विकिपीडिया
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध

अमर ज्योति जवान शहीद स्थल यह एक काले रंग का संगमरमर का चबूतरा है

अमर ज्योति जवान शहीद स्थल यह एक काले रंग का संगमरमर का चबूतरा है जिस पर सेल्फ लोडेड राइफल है और उसके सिरे पर ऊपर एक हेलमेट रखा हुआ क्या है। और इसकी लव हमेशा 24 घंटे चलती रहती है इसके चारों तरफ चार कलश हैं जिसमें से एक का हमेशा लो चलता रहता है 3 को तब जलाया जाता है जब कोई हमारा नेशनल फेस्टिवल

जैसे कि 26 जनवरी और 15 अगस्त इंडिपेंडेंस डे की जो हम लोग मनाते हैं उस दिन जलाया जाता है । चारों कलश की ज्योति यों को 26 जनवरी इंडिपेंडेंस डे और 15 अगस्त के गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और सभी तीनों सेवन सेनाओं के सेना प्रमुख वहां जाते हैं और परेड शुरू होने से पहले वहां उन शहीदों को अमर ज्योति जवान शहीद स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि देते हैं उसके बाद आजादी का उत्सव मनाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

नेशन वॉर मेमोरियल

नेशनल वार वार ऑफ मेमोरियल VS अमर ज्योति जवान

National War Memorial (India) - Wikipedia
नेशनल वार वार ऑफ मेमोरियल

2019 से ही जो इंडिपेंडेंस डे और गणतंत्र दिवस के आजादी का महत्व जो मनाया जाता है । उसमें जो भी श्रद्धांजलि अमर जवान ज्योति सही अमर ज्योति जवान शहीद स्थल पर जो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और तीनों सेनाओं के प्रमुख लोग जो श्रद्धांजलि देते हैं । यह 2019 से ही इस को बदल दिया गया और इसको नेशन वॉर मेमोरियल में वहां पर श्रद्धांजलि देने जाने लगा

और उसी को ले करके आज फिर से सरकार ने इस स्थल को यहां से पूरी तरह से हटाने का फैसला किया है । और तो हमको यह जानना है कि क्या है यह नेशन वॉर मेमोरियल जो कि भारत देश के स्वतंत्रता के लिए शहीद होने वाले सैनिकों के याद में उनके सम्मान में यह नेशनल वॉर मेमोरियल स्थल बनाया गया है ।

यह पार्लियामेंट नई दिल्ली में ही पार्लियामेंट के पास इंडिया गेट के करीब में ही दूसरे जगह पर इसको बनाया गया है जिसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को उद्घाटन किया था और तब से लेकर के आज तक श्रद्धांजलि देने की जो प्रथा है वह इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति स्थल पर से नहीं बल्कि नेशनल वॉर मेमोरियल शहीद स्थल से किया जा रहा है

यह कार्य कोई कैसा करना कोई सरकार के लिए उचित नहीं था, लेकिन सरकार ने यहां से उठाकर स्थल को वहां ले जाना यह एक ऐतिहासिक स्थल को बदलने का काम है जोकि विद्वानों और सामाजिक कार्यकर्ता लोग हैं क्रांतिकारी लोग हैं आंदोलनकारी लोग हैं उनके लिए यहां उनके विचार में यह अच्छा नहीं है जिस कारण ज्यादातर विद्वान लोग इस बात का समर्थन नहीं कर रहे हैं ।

उनका कहना है कि यह कदम उठाना सरकार को जरूरी नहीं था ।

क्या है नेशनल वार वार ऑफ मेमोरियल में वहां पर जो स्थल है वहां पर सुनहरे अक्षरों में हमारे देश के लिए शहीद और कुर्बान हुए लोगों का नाम लिखा गया है । और वहां पर भारत और चीन की युद्ध में भारत और पाकिस्तान की युद्ध में भारत और गोवा के युद्ध में भारत और श्रीलंका की युद्ध में भारत और जो जमीन जम्मू कश्मीर में जो युद्ध हुआ है

उन सभी युद्ध के में जो शहीद हुए जो शहीद हुए हमारे सैनिक हैं उनकी सम्मान और याद में यह वार मेमोरियल को बनाया गया है। नेशनल वार ऑफ मेमोरियल स्थल पर चार चक्र बनाए गए हैं । अमर चक्र, वीर चक्र , त्याग चक्र, और सुरक्षा चक्र जिसमें आजादी के बाद से अभी तक के लगभग 26000 शहीद हुए सैनिकों का नाम अंकित है ।

और अब अमर ज्योति जवान शहीद स्थल पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मूर्ति लगाई जाएगी और 23 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे और जब तक यह मूर्ति तैयार नहीं हो जाती है तब तलक वहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस का होलोग्राम लगाया जाएगा जिसमें नेताजी का स्टेचू दिखेगा जहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अमर ज्योति जवान शहीद स्थल पर मूर्ति लगनी है

नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर ज्योति जवान शहीद स्थल
नेताजी सुभाष चंद्र बोस

आज से 60 साल पहले वहां पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम का मूर्ति लगी हुई थी जिस को वहां से हटा करके कोरोनावायरस दिया गया लेकिन सवाल यह आता है की सरकार आखिर ऐसा कर क्यों रही है ऐतिहासिक पर स्थलों को और इतिहास को बदलने की सरकार कोशिश क्यों कर रही है क्या इसके पीछे कोई खास मकसद है साजिश है राजनीतिक

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