30 अप्रैल तक डाटा अपटेड करें ग्रेजुएशन पास छात्राएं:CM प्रोत्साहन योजना की राशि 2 दिनों में मिलेगी, तीन यूनिवर्सिटी से मिले शून्य डाटा

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पटना18 मिनट पहले

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विभाग ने डाटा अपडेट करने की तिथि 30 अप्रैल कर दी है।

शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों से 31 मार्च तक ग्रेजुएशन पास छात्राओं की सूची मांगी थी, लेकिन विश्वविद्यालयों से एक लाख 95 हजार 867 छात्राओं का ही डाटा मिला है। इससे CM प्रोत्साहन योजना की राशि वितरण करने में परेशानी हो रही है। अब विभाग ने डाटा अपडेट करने की तिथि 30 अप्रैल कर दिया है।

बिहार में लड़कियां उच्च शिक्षा प्राप्त करें। छात्राओं को प्रोत्साहित करने लिए नीतीश सरकार ने ग्रेजुएशन पास करने पर 31 मार्च 2020 तक 25 हजार रुपए देती थी। एक अप्रैल 2021 से इस राशि को बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री स्नातक बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत इस राशि को देने का प्रावधान किया गया है।

दैनिक भास्कर ने इस मामले में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार से सवाल किया। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2021 से 31अक्टूबर 2022 तक जो भी रिजल्ट पब्लिश हुए थे, उसे सभी विश्वविद्यालयों से मांगा था। विश्वविद्यालयों से अब तक एक लाख 95 हजार 867 छात्राओं का डाटा मिला है।

दीपक कुमार ने कहा कि जनवरी माह में रजिस्ट्रेशन के साथ ही अन्य डाटा भरने के लिए पोर्टल खोला गया। एक लाख 59 हजार 182 छात्राओं ने अपना डाटा भरा हैं। शत प्रतिशत ग्रेजुएट पास छात्राओं का डाटा नहीं मिला है। इससे तिथि बढ़ाकर 30 अप्रैल की गई है। उन्होंने कहा कि जिन छात्राओं का डाटा प्राप्त हुआ है, उसका भुगतान एक-दो दिनों में कर दिया जाएगा। बाकी शेष का भुगतान 30 अप्रैल तक किया जाएगा।

यूनिवर्सिटी से डाटा आने में हो रही देरी

दीपक कुमार ने बताया कि पाटलिपुत्रा यूनिवर्सिटी से 45,602 का रिजल्ट आया, जिसमें 41,416 का रजिस्ट्रेशन हुआ है। बीएन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा से 22640 का रिजल्ट आया है, जिसमें 15,949 का रजिस्ट्रेशन हुआ है। आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी से 2859 रिजल्ट में 1989 रजिस्ट्रेशन, इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी पटना से 7709 रिजल्ट में 1348 रजिस्ट्रेशन हुआ है।

राज्य में कुछ यूनिवर्सिटी की स्थिति शून्य है। इसमें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत यूनिवर्सिटी, मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, मौलाना मजहरुल हक अरेबिक एंड पर्सियन यूनिवर्सिटी पटना आदि शामिल है। यह स्थिति राज्य के ज्यादातर यूनिवर्सिटी की है। विभागीय अधिकारी सूत्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी से डाटा इकट्ठा करने में विभाग को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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