सुपौल पुलिस फोन पर केस का कर रही सुपरविजन:आरोपी सरपंच पति से कॉल पर सर्किल इंस्पेक्टर ने किया बात, ऑडियो आया सामने

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सुपौल38 मिनट पहले

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सर्किल इंस्पेक्टर फोन पर सॉल्व कर रहे केस। - Dainik Bhaskar

सर्किल इंस्पेक्टर फोन पर सॉल्व कर रहे केस।

सुपौल में एडवांस पुलिसिंग का नायाब नमूना सामने आया है। पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जांच की जगह फोन पर ही केस का सुपरविजन कर दी। दरअसल, मामला सदर थाना क्षेत्र के करिहो पंचायत से जुड़ा हुआ है। यहां 2 पक्षों में मारपीट के बाद सदर थाने में दोनों पक्षों ने केस दर्ज कराया था।

सर्किल इंस्पेक्टर फोन पर सॉल्व कर रहे केस

इस केस के बीच एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें सदर अंचल के तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर के.बी सिंह और करिहो के सरपंच पति छोटेलाल शर्मा फोन पर आपस में बात कर रहे हैं। बात के दौरान ये पता चला है कि सर्किल इंस्पेक्टर किसी केस का सुपरविजन लिख रहे हैं।

सरपंच पति खुद हैं आरोपी

आरोप है कि सुपौल सदर थाना कांड संख्या 321/23 के सुपरविजन के लिए पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची, बल्कि सरपंच पति से फोन पर बातचीत कर ही सुपरविजन रिपोर्ट तैयार कर दिया गया। खास बात ये है कि इस केस में खुद सरपंच पति भी आरोपी हैं। ऑडियो में सर्किल इंस्पेक्टर, सरपंच पति से स्थानीय पंचों के नाम पूछ रहे हैं, जो केस में गवाही दे सके। वहीं कंप्यूटर पर टाइपिंग की आवाज भी अस्पष्ट आ रही है। जबकि सर्किल इंस्पेक्टर आरोपी सरपंच पति से यह भी कह रहा है कि जानकारी धीरे-धीरे दें क्योंकि लिखना भी पड़ता है।

फोन में केस सॉल्व कर रही पुलिस।

फोन में केस सॉल्व कर रही पुलिस।

भूसा रखने को लेकर हुआ था विवाद

बता दें कि करिहो पंचायत के नवटोल में स्थानीय बमभोली मुखिया के बेटे श्रवण मुखिया ने अपने चाचा स्वर्गीय रामदेव मुखिया के घर में भूसा रखा था। बीते 23 मई को इसी को लेकर रामदेव की बेटी सुलेखा देवी से उसकी लड़ाई हो गई। इस दौरान हुई मारपीट में सुलेखा का एक रिश्तेदार नंदकिशोर मुखिया गंभीर रूप से जख्मी हो गया।

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

ये मामला ग्राम कचहरी पहुंचा, लेकिन वहां भी 29 मई को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया। इसके बाद मामला सुपौल सदर थाना पहुंच गया। इस मामले में एक पक्ष की ओर से करिहो की सरपंच पवन देवी के पति छोटेलाल शर्मा को भी आरोपी बनाया है। अब ऑडियो सामने आने के बाद लोग पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं पीड़ित पक्ष मामले में वरीय अधिकारियों से जांच की मांग कर रहा है।

जबकि इंस्पेक्टर केबी सिंह आरोपों को खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि पीओ पर जांच के बाद भी अगर संतुष्टि रहती है तो संबंधित पक्षों से कई बार पूछताछ की जाती है। इसमें कुछ अलग नहीं है। आरोपी बना देने का मतलब यह नहीं है कि सरपंच पति से जानकारी नहीं लेनी है।

इधर, सुपौल एसपी शैशव यादव ने बताया कि उन्हें कोई ऑडियो प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन अगर कॉल पर सुपरविजन तैयार किया गया है तो यह गलत है। मामले की जांच कर नियम संगत कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सर्किल इंस्पेक्टर त्रिवेणीगंज थानाध्यक्ष के रूप में तैनात है। कुछ दिन पहले यह तबादला हुआ है वो सदर अंचल के सर्किल इंस्पेक्टर थे।

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