'होली किसी पार्टी की बपौती नहीं है', जानें बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ऐसा क्यों कहा

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Dhirendra Krishna Shastri- India TV Hindi
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बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

भोपाल: बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि होली किसी पार्टी की बपौती नहीं है। सामाजिक समरसता के संदेश के साथ बागेश्वर धाम की होली मनती रहेगी। ब्रज की होली जैसी होली बागेश्वर धाम में इसलिए मनाई गई क्योंकि राशि एक जैसी है, बा से बागेश्वर, बा से ब्रज, बा से बांके बिहारी और बा के साथ बालाजी।

भव्य होली मनाने की वजह से फिर चर्चा में धीरेंद्र

बागेश्वर धाम सरकार के नाम से चर्चित पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस बार इसलिए चर्चा में है क्योंकि बाबा ने बड़े स्तर पर होली का उत्सव मनाया है। वृंदावन की रासलीला टीम की मौजूदगी में क्विंटलों फूलों से भक्तों के साथ होली खेलना और मंच पर दिग्गज पार्टियों के कद्दावर नेताओं की मौजूदगी होना चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस दौरान अलग-अलग पार्टियों के विधायक भी यहां मौजूद दिखे और वह जनता को ये संदेश भी देते दिखे कि वह पार्टी लाइन से ऊपर उठकर बाबा के साथ हैं। जनप्रतिनिधियों का बाबा के दरबार में हाजिरी लगाना भी खूब चर्चा में रहा। 

होली किसी पार्टी की बपौती नहीं, ऐसा क्यों कहा?

इंडिया टीवी ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से सवाल पूछा कि मंच पर भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेता दिखाई दिए है तो बाबा अपने बेबाक अंदाज में बोले कि होली किसी पार्टी की बपौती नहीं है।

बाबा पहले भी सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं कि जो भी बागेश्वर धाम में श्रद्धा भाव के साथ आएगा, उसका स्वागत है। बाबा ने ये तब कहा था, जब उनके सबसे बड़े हिंदुत्व के शक्ति प्रदर्शन में न केवल कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिखाई दिए थे।

बाबा बागेश्वर ने एक बार फिर कहा कि मैं बाबा नहीं हूं। आय एम नॉट अ बाबा। बागेश्वर धाम में ऐसे आयोजन पहले भी होते रहे हैं। सामाजिक समरसता के साथ हर बार होली मनाई जाएगी।

बाबा का अगला मिशन क्या?

जाहिर है बाबा भक्तों के साथ-साथ जनता की भी नब्ज पकड़ना सीख चुके हैं। होली के इस आयोजन के बाद बाबा का अगला मिशन बुंदेलखंड को पैदल फतह करना है। बाबा जल्दी गांव गढ़ा छतरपुर जिला से ओरछा के रामराजा दरबार तक पदयात्रा करेंगे। 100 किलोमीटर से ज्यादा कम से कम 3 जिलों से गुजरेंगे। इसके बाद बाबा सागर भी जाएंगे। महीने के आखिर में महाकौशल के जबलपुर में भी दिव्य दरबार सजाएंगे।

यानी 2023 के विधानसभा चुनाव तक बाबा प्रदेश के तमाम इलाकों में धार्मिक दिव्य दरबार के जरिए राजनेताओं से भी हाजिरी भरवाते रहेंगे।

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