साइबर फ्रॉड का कॉकटेल! पहले मह‍िला से FB पर ‘फ्रेंडश‍िप’…और फ‍िर ठगे 80 लाख

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हाइलाइट्स

परिवार के सदस्यों को प्रचलित साइबर अपराध के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है
मेहसाणा का एक बुजुर्ग ग्रामीण भी ब्रिटेन की ‘महिला मित्र’ के प्यार के चक्‍कर में गंवा चुका 75 लाख
इस धोखाधड़ी करने के मामले में दिल्ली से हुई थी नाइजीरियाई व्यक्ति की गिरफ्तारी

अहमदाबाद: आजकल साइबर क्राइम और धोखाधड़ी के मामले इतनी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं क‍ि जांच एजेंस‍ियों के ल‍िए यह मुसीबत बन गए हैं. साइबर दुन‍िया के अपराधी इतने शात‍िराना ढंग से अपराध को अंजाम देते हैं क‍ि वो श‍िकार को बचने का कोई मौका ही नहीं देते हैं. ताजा मामला गुजरात के बनासकांठा के एक शहर का सामने आया है जहां एक 52 वर्षीय शिक्षिका ने ब्रि‍टेन (Britain) के अपने साइबर फ्रेंड जेम्स डॉसन की मदद करने की कोश‍िश के बीच 80 लाख रुपये की बड़ी रकम गंवा दी. इस साइबर धोखाधड़ी (Cyber Crime) से श‍िक्ष‍िका ने कठोर सबक भी सीखा है.

टीओआई में प्रकाश‍ित खबर के मुताब‍िक उन्होंने विभिन्न खातों में धन हस्तांतरित किया, यह विश्वास करते हुए कि वह भारतीय सीमा शुल्क (Indian customs) और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों से उसकी रिहाई को सुरक्षित करने में मदद कर सकती हैं. जबकि यह मामला साइबर अपराध की दुनिया (Cybercrime world) में कुख्यात ‘दोस्ती धोखाधड़ी’ की बानगी पेश करता है. अधेड़ आयु की यह महिला वर्तमान में इलाज से गुजर रही हैं क्योंकि वह अपने विदेशी दोस्त पर विश्वास करने से इनकार कर रही हैं, जिसने दावा किया था कि वह हीरे के आभूषण और अन्य ग‍िफ्ट लेकर भारत आया था जोक‍ि कभी अस्तित्व में नहीं थे.

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साइबर क्राइम एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि यह घोटाला आमतौर पर अमेरिका या ब्रिटेन के निवासी होने का दावा करने वाले अपराधियों द्वारा किया जाता है. उनका टारगेट ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मध्यम आयु वर्ग के पुरुष या महिलाएं होते हैं जोक‍ि नए घर, लक्जरी कारों या विदेशी यात्राओं की तस्वीरें पोस्ट करते हैं.

इस मामले में पीड़‍ित महिला ने कहा कि उन्हें इस साल अप्रैल में फेसबुक पर यूके के जेम्स डॉसन नामक शख्‍स की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिलती है. मह‍िला का कहना है कि वो यूके को अपने बेटे के वर्तमान रोजगार की वजह से जानती हैं. इसल‍िए इससे उत्‍सुक होकर वहां के किसी के साथ जुड़ने की संभावना के चलते फ्रेंड र‍िक्‍वेस्‍ट स्वीकार कर ली.

महिला ने कहा कि इस दौरान मैंने उसके द्वारा अंग्रेजी में भेजे गए मैसेज को समझने और उसी टूल का उपयोग करके उसे अंग्रेजी में जवाब देने के लिए Google अनुवाद का उपयोग किया. इसके बाद हमारे दोनों के बीच चैट‍िंग की शुरुआत हुई और हम अच्छे दोस्त बन गए. लेक‍िन कुछ समय बाद उन्होंने मिलने की इच्छा जताई और स्वेच्छा से भारत आने को कहा. मैं उससे मिलने के लिए उत्साहित थी.

साइबर क्राइम स्‍क्र‍िप्‍ट के चलते जेम्स डॉसन ने उन्हें फोन किया और दावा किया कि वह भारत आया था लेकिन उनके लिए महंगे ग‍िफ्ट लाने के कारण सीमा शुल्क विभाग ने उसे पकड़ लिया है. डॉसन ने उनसे सीमा शुल्क अधिकारी से बात करने और आवश्यक भुगतान करने का आग्रह किया. इसके बाद महिला ने पहले सीमा शुल्क (customs) को भुगतान किया, फिर आरबीआई (RBI) को क‍िया. हाल ही में, महिला से संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को भुगतान करने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि वे प्रमाणित करेंगे कि डॉसन की रिहाई के लिए मेरे भुगतान का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग के लिए नहीं किया जाएगा. महिला ने लगभग 80 लाख रुपये खर्च किए हैं. फिर, उन्होंने और पैसे मांगे और मामले को बंद करने के लिए महिला से रकम उधार लेने को कहा.

महिला ने व‍िदेशी म‍ित्र की मदद करने के ल‍िए और पैसे जुटाने को अपने दूसरे दोस्तों से संपर्क साधा. उनमें से एक साइबर क्राइम वॉलेंट‍ियर ने उनको बताया कि ऐसा लगता है कि वह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गई हैं, लेकिन महिला अपने दोस्त की ईमानदारी को लेकर अपने विश्वास पर दृढ़ रहीं. महिला ने कहा क‍ि मुझे इस मामले के बारे में अपने पति के सामने कबूल करना होगा, लेकिन मैं डॉसन के मामले की तह तक जाऊंगी.

बताते चलें क‍ि गुजरात सीआईडी ​​(अपराध) (Gujarat CID) के साइबर सेल के अधिकारियों ने कहा कि कुछ समय पहले मेहसाणा का एक बुजुर्ग ग्रामीण भी ब्रिटेन की एक “महिला मित्र” के प्यार में पड़ गया था और जब वह उससे मिलने के लिए भारत आई तो उसने उसे छुड़ाने के लिए 75 लाख रुपये का भुगतान किया था. जब परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचित किया, तो उन्होंने धोखाधड़ी करने के आरोप में दिल्ली से एक नाइजीरियाई व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया.

अधिकारी ने कहा क‍ि बुजुर्ग व्यक्ति ने यह मानने से इनकार कर दिया कि महिला का अस्तित्व ही नहीं था और वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है. लोगों को अपने वित्तीय और सामाजिक हितों की रक्षा के लिए अपने परिवार के सदस्यों को प्रचलित साइबर अपराध के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है.

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