मोहन भगवत ब00000000000000000000000000000000000000000सबका डीएनए एक है तो एन आर सी और सी ए ए और धर्म परिवर्तन जैसे काले कानून क्यों ? या फिर आका को सत्ता परिवर्तन का डर अभी से सता रहा है ?

सबका डीएनए एक है

सबका डीएनए एक है, राह्मण के विदेशी होने की चर्चा से मोहन भागवत को लगने लगा है कि अब और ज्यादा दिनों तक डीएनए जांच रिपोर्ट पर खामोश रहना उन के लिए मुसीबत बनता जा रहा है, इसलिए उसे सार्वजनिक तौर पर आ कर बोलना ही पड़ा और एक षड्यंत्र के तहत ख़ुद के विदेशीपन को छुपाने के लिए बयान दिया कि सभी भारतीयों (हिंदुओं और मुसलमानों) का डीएनए एक ही है।

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