ऋषि सुनक अश्वेत प्रधानमन्त्री ब्रिटने की जनता को बधाई जो उन्होंने एक अश्वेत को प्रधानमन्त्री बना दिया. मिडिया चिल्ला चिल्लाकर कह रही है की पहला अश्वेत प्रधानमन्त्री बनने जा रहा है जबकि 1966 से ही सुनक के पिता ब्रिटेन में रह रहे है व अविभाजित भारत में 1937 में ही उनके दादा केन्या चले गये थे.
ब्रिटेन अब इन ऋषि सुनक श्वेत प्रधानमन्त्री के भारतीय समाज से कोई लन्दन में ही पूछ लेगा की क्या भारत में “दलित” को प्रधानमन्त्री बनना चाहिए
ब्रिटेन अब इन ऋषि सुनक श्वेत प्रधानमन्त्री के भारतीय समाज से कोई लन्दन में ही पूछ लेगा की क्या भारत में “दलित” को प्रधानमन्त्री बनना चाहिए तब वो चर्चा के दौरान या अंत में ऊँची आवाज में चिल्लाकर कहेगा की “आरक्षण खत्म होना चाहिए” अथार्त बता देगा की प्रधानमन्त्री दूर की बात है वो प्रतिनिधित्व तक नही देना चाहते है.
बल्कि सुनक या गूगल के सी ई ओ से लेकर तमाम वो लोग जो भारत की सीमा पार जाते ही अपने आप को “अश्वेत” बताकर “अश्वेतों को मिलने वाली सुविधा” पर दावेदारी ठोकते है वो भारत की सीमा में वापस आते ही सबसे पहले “आरक्षण मुर्दाबाद” कहते है
क्युकी वो “प्राइवेट सेक्टर” में अमरीका या अन्य यूरोपियो देशो की तरह वो सुविधाए एससी/एसटी/ओबीसी को देने के खिलाफ है जो वो अमरीका या यूरोप में “अश्वेत” बताकर प्राप्त करते है