श्रद्धा हत्याकांड याद रहे कि आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे और 18 दिनों तक उन्हें आफताब अलग-अलग छिपाता रहा। डेढ़ साल बाद 14 नवंबर को इस भयानक घटना का पर्दाफाश हुआ।
परिवार वालों का कहना है कि जब श्रद्धा को छोड़ने की जरूरत होती थी तो आफताब उसके साथ मारपीट करता था और जबरन वसूली करता था। आफताब ने श्रद्धा से समझौता किया कि अगर वह चली गई तो वह सब खत्म कर देगा।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने श्रद्धा के पिता विकास वाकर का लेख प्रकाशित किया है। पेपर के मुताबिक, विकास ने कहा, ‘आफताब पूनावाला से मिलने से पहले वह एक वैकल्पिक युवती थी। वह बेहद प्यारी और आक्रामक थी। पता नहीं क्या हुआ, लेकिन उससे (आफताब) मिलने के बाद वह (श्रद्धा) बदल गई।
उसने मुझसे बात करना बंद कर दिया और शायद ही कभी अपनी माँ को संबोधित करती थी। उसकी मां के निधन के बाद, मैंने उसे (श्रद्धा को) टेंशन देना शुरू कर दिया। मुझे पता है । कि बच्चे के साथ उसका बहुत ही खराब रिश्ता था। मैंने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। सोचिए, वह व्यक्ति जो पिता का बहुत प्रिय था, अचानक भावुक भावनाओं का अनुभव करने के बाद ऐसी अजीबोगरीब हरकत करने लगा!
श्रद्धा हत्याकांड श्रद्धा के पिता ने आगे कहा, ‘हमारी बातचीत 2021 में फोन पर हुई थी।
श्रद्धा के पिता ने आगे कहा, ‘हमारी लाइव बातचीत 2021 में फोन पर हुई थी। मैं कोशिश करूंगा कि इस वक्त वह बातचीत याद न करूं, लेकिन वह परेशान थी। वह बहुत दुखी थी क्योंकि मैंने उन दोनों को नहीं पहचाना। हमारे परिवार में कोई विधर्मी या विधर्मी विवाह नहीं है। मैं इसे कैसे (स्वीकार) कर सकता हूं?
मैंने उनसे कहा था कि मुंबई मत छोड़ो… मैं आफताब पूनावाला से काफी पहले एक बार मिला था। उस समय मेरी पत्नी की मौत हो चुकी थी। मेरी लड़की तनाव में थी और मेरे साथ थी, लेकिन हम ज्यादा बात नहीं करते थे। मैं वास्तव में शायद ही कल्पना कर सकता हूं कि उसने (आफताब) यह काफी लंबे समय तक कैसे किया।
श्रद्धा हत्याकांड पिता ने अपनी बेटी श्रद्धा के व्यवहार में बदलाव देखा है, उसके दोस्तों ने भी कहा है कि आफताब से मिलने के बाद
पिता ने अपनी बेटी श्रद्धा के व्यवहार में बदलाव देखा है, उसके दोस्तों ने भी कहा है कि आफताब से मिलने के बाद श्रद्धा जैसे कि श्रद्धा अब नहीं रही। श्रद्धा के साथी लक्ष्मण नादर ने दावा किया कि श्रद्धा को आफताब से अक्सर हिचकी आती रहती थी। 2020 में हुए इस तरह के झगड़े के बाद श्रद्धा की साथियों ने पुलिस से शिकायत करने का फैसला किया था। लक्ष्मण ने कहा
श्रद्धा ने मुझे व्हाट्सएप मैसेज किया… उसने लिखा कि अगर मैं उसे घर से नहीं निकालूंगा तो आफताब उसे मार डालेगा। हमने उसे (आफताब को) नीचा दिखाया और पुलिस को कोसना समझा, फिर भी वह श्रद्धा थी जिसने हमें रोका। हमने उनकी (श्रद्धा की) इच्छा मानी और चले गए। लक्ष्मण नाडर ने ही श्रद्धा के भाई को बताया कि वह श्रद्धा से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
श्रद्धा हत्याकांड के एक और साथी रजत शुक्ला ने दावा किया कि आफताब से रिश्ते इस कदर टूट गए थे कि श्रद्धा
श्रद्धा के एक और साथी रजत शुक्ला ने दावा किया कि आफताब से रिश्ते इस कदर टूट गए थे कि श्रद्धा को उन्हें छोड़ना पड़ा। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में रजत ने शुक्ला को बताया कि श्रद्धा और आफताब के बीच लड़ाई शुरू हो गई थी और वह आफताब को छोड़ना चाहती थी
लेकिन असमर्थ साबित हुई। उन्होंने कहा, ‘मैं अंदर तक हिल गया था (यह महसूस करने के लिए) कि मेरा साथी मारा गया है। उसने 2019 में बताया कि वह 2018 में किसी को डेट कर रहा है… पहले तो दोनों बेहद खुशमिजाज थे, फिर श्रद्धा ने बताना शुरू किया कि आफताब उसे पीटता रहता है। उसे जाने की जरूरत थी, फिर भी वह ऐसा नहीं कर सकती थी।
श्रद्धा हत्याकांड गला दबाना मुश्किल नहीं था, खून साफ करने के लिए गूगल से देखा…श्रद्धा मर्डर में आफताब के 5 रोमांचक खुलासे
गला दबाना मुश्किल नहीं था, खून साफ करने के लिए गूगल से देखा…श्रद्धा मर्डर में आफताब के 5 रोमांचक खुलासे
पेटू विशेषज्ञ आफताब फोन करके खुद को फूड ब्लॉगर बताता था। उन्हें खाने से जुड़ी रिकॉर्डिंग बहुत पसंद थी। वह खबरें भी पढ़ता था। उन्होंने काफी समय पहले फेसबुक पर ऐसा ही एक पोस्ट किया था, जिसमें सब्जियों और जैविक उत्पादों को काटने में मास्टर बनने के टिप्स दिए गए थे. उन्होंने रेस्टोरेंट में कुछ तस्वीरें भी लीं।
पुलिस श्रद्धा के शव के उन टुकड़ों को अपने पास से जंगल में तलाश कर रही है, जिसे उसने कुछ देर पहले फेंक दिया था
सब्जी काटने के हुनर में माहिर आफताब ने अपनी पत्नी के कैसे टुकड़े-टुकड़े कर दिए, आज सब कुछ कमाल है देश. फिलहाल पुलिस श्रद्धा के शव के उन टुकड़ों को अपने पास से जंगल में तलाश कर रही है, जिसे उसने कुछ देर पहले फेंक दिया था. कुछ दिनों तक आफ़ताब आधी रात के आसपास इधर-उधर घूमता और लाशों के टुकड़े जंगल या हरी-भरी जगहों पर फेंकता। वह पेटू विशेषज्ञ थे और बाद में फोटोग्राफर बन गए और फिर फूड व्लॉगिंग में लग गए।
याद रहे कि आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे और 18 दिनों तक उन्हें अलग-अलग छिपाता रहा
याद रहे कि आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी थी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए थे और 18 दिनों तक उन्हें अलग-अलग छिपाता रहा। डेढ़ साल बाद 14 नवंबर को इस भयानक घटना का पर्दाफाश हुआ। परिवार वालों का कहना है कि जब श्रद्धा को छोड़ने की जरूरत होती थी तो आफताब उसके साथ मारपीट करता था और जबरन वसूली करता था। आफताब ने श्रद्धा से समझौता किया कि अगर वह चली गई तो वह सब खत्म कर देगा।