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Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है. 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला अपने घर में विराजमान होंगे. भगवान रामलला का मंदिर कैसा बन रहा है, मंदिर में कितने दरवाजे होंगे और उन दरवाजा को कैसा बनाया जा रहा है. सबके मन में ये सवाल भी होंगे. एबीपी न्यूज आपके लिए राम मंदिर में लगने वाले दरवाजों की अद्भुत तस्वीरें लेकर आया है. साथ ही श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि रामलला के मंदिर में 44 दरवाजे होंगे जिसमें 14 दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी और 30 दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि भगवान रामलला के सिंहासन पर भी चांदी की परत चढ़ाई गई है यानी जहां पर भगवान रामलला विराजमान होंगे उस सिंहासन को चांदी की परत से बनाया गया है. जब भक्त भगवान का दर्शन करें तो उनको दूर से ही रामलला का अद्भुत दर्शन मिलेगा. मंदिर का गर्भगृह बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है. पहले फ्लोर पर 80% तक कार्य पूरा कर लिया गया है. छत का कार्य मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा. अब भगवान रामलला के मंदिर में विराजमान होने का इंतजार है.
महाराष्ट्र से लाई गई दरवाजों की लकड़ी
रामलला अपने मंदिर में जल्दी से जल्दी विराजमान हों इसी वजह से दिन-रात मजदूर निर्माण कार्य कर रहे हैं. राम मंदिर में लगने वाले दरवाजे की लकड़ी महाराष्ट्र से लाई गई है. इस लकड़ी की खास बात यह है कि वर्षों तक इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आ सकती है. प्रकाश गुप्ता ने कहा कि राम मंदिर में जो प्रमुख दरवाजे होंगे वह स्वर्ण जड़ित रहेंगे. इन दरवाजों पर परत चढ़ाने के लिए दिल्ली के कारीगर कार्य कर रहे हैं.
मंदिर परिसर में बनाया जा रहा स्थाई हेलीपैड
मंदिर निर्माण कार्य के साथ-साथ मंदिर परिसर में स्थाई हेलीपैड बनाया जा रहा है. हेलीपैड बनाने का सबसे बड़ा जो कारण है वह है VVIP मूवमेंट के दौरान राम भक्तों को आने वाली परेशानी. जिस प्रकार से रोजाना राम भक्तों की संख्या बढ़ रही है उसको देखते हुए अयोध्या में रोजाना मूवमेंट मोमेंट होते हैं. ऐसे में राम जन्मभूमि परिसर में ही स्थाई हेलीपैड बनाया जा रहा है.
अभी हेलीपैड राम कथा पार्क के पास बनाया गया है. वहां से आने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पूरी सड़क बंद करनी पड़ती है और सुरक्षा को भी बढ़ाना पड़ता है. जिसको देखते हुए ट्रस्ट और प्रशासन ने ये फैसला लिया है कि राम मंदिर परिसर में ही स्थाई हेलीपैड बनाया जाए.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि हमारा परिसर बहुत ही बड़ा है. लगभग 100 एकड़ का है. उसी में हेलीपैड का निर्माण हो रहा है. प्रशासन चाहता था कि यहां पर एक हेलीपैड बनाया जाए और ये सुविधाजनक रहेगा. जब भी दीपोत्सव होता है तो साकेत महाविद्यालय में भी एक हेलीपैड बना दिया गया है. वहां पर भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. अयोध्या में राम कथा पार्क में भी एक हेलीपैड बनाया गया है. मुख्यमंत्री आते हैं तो वहीं पर उतरते हैं.
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