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राष्ट्रीय महिला आयोग ने पश्चिम बंगाल के संदेशखालि को लेकर तैयार तथ्य अन्वेषण रिपोर्ट में कहा है कि उसने महिलाओं की परेशान कर देने वाली गवाही एकत्रित की है जो उनके व्यापक भय और पुलिस अधिकारियों एवं तृणमूल कांग्रेस सदस्यों द्वारा किए जा रहे व्यवस्थित उत्पीड़न को रेखांकित करती है। हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसे हिंसा प्रभावित संदेशखालि में लोगों से केवल चार शिकायतें मिली हैं, लेकिन उनमें से किसी में भी बलात्कार या यौन उत्पीड़न का जिक्र नहीं है। एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि पीड़ितों ने पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा की गई शारीरिक और यौन हिंसा की घटनाओं को याद किया। आयोग ने कहा, ‘‘ जिन महिलाओं ने इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ बोलने का साहस किया, उन्हें तत्काल प्रतिशोध का सामना करना पड़ा, जिसमें संपत्ति की जब्ती, परिवार के पुरुष सदस्यों की मनमानी गिरफ्तारी और उत्पीड़न के अन्य कृत्य शामिल थे।’’
महिला आयोग ने क्या कहा?
एनसीडब्ल्यू की एक टीम ने क्षेत्र में महिलाओं के खिलाफ गंभीर हिंसा और धमकी की शिकायत पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का आकलन करने के लिए संदेशखालि का दौरा किया। एनसीडब्ल्यू ने बताया कि टीम की जांच में पश्चिम बंगाल सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से परेशान करने वाली प्रवृत्ति और मिलीभगत सामने आई। आयोग की सदस्य डेलिना खोंगडुप ने संदेशखालि की यात्रा के दौरान स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रदर्शित रवैये पर ‘गहरी निराशा’ व्यक्त की। एनसीडब्ल्यू ने दावा किया कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने खबरों के मुताबिक आयोग की टीम से सहयोग करने से इनकार कर दिया और पुलिस अधीक्षक किसी भी तरह की सहायता या सुरक्षा देने में असफल रहे। इसने कहा, ‘‘ गांव की महिलाओं द्वारा दी गयी परेशान करने वाली गवाही व्यापक भय और व्यवस्थित उत्पीड़न की भयावह तस्वीर पेश करती है। पीड़ितों ने पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों, दोनों द्वारा कथित शारीरिक और यौन हिंसा की घटनाओं को याद किया।’’
शाहजहां शेख पर क्या हुआ खुलासा?
एनसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘संदेशखालि ग्रामवासी’ के रूप में हस्ताक्षरित एक सामूहिक बयान में, गांव की महिलाओं ने उत्पीड़न, यातना और उनकी गरिमा और अधिकारों के घोर उल्लंघन सहित उनके द्वारा सहन की गई पीड़ाओं का विवरण दिया। आयोग ने कहा कि ऐसी धमकी और सेंसरशिप को देखते हुए तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा आने वाले दिनों में संदेशखालि का दौरा करेंगी और पुलिस व पीड़ितों से बातचीत करेंगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं की जिंदगी और स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके। पश्चिम बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी)स्तर की महिला अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन हिंसा की घटनाओं की जांच करने के लिए किया गया है। उन्होंने महिलाओं की पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया और अपील की कि शिकायत दर्ज करने की जरूरत महसूस होने पर वे पुलिस से संपर्क करें। संदेशखालि की कई महिलाओं ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उसके ‘गिरोह’ ने जबरन बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जा कर लिया है और इसके अलावा वे ‘उनका यौन उत्पीड़न’ करते हैं।
(इनपुट-भाषा)
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