[ad_1]
Himachal Cabinet Expansion: हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए छह महीने से जादा का वक्त बीत गया है. दिसंबर महीने में प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के हाथ में आ चुकी है. जनवरी महीने में मंत्रिमंडल का पहला विस्तार भी हुआ, लेकिन यह विस्तार अधूरा ही रहा. हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में अब भी तीन पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में मंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों की का इंतजार लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है. जानकारों के मुताबिक, इन दिनों हिमाचल कांग्रेस में स्थिति विस्फोटक होती हुई नजर आ रही है और सियासी धमाका किसी भी वक्त हो सकता है.
जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत देते रहते हैं बकौल मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना हमेशा बनी रहती है और मंत्री कभी भी बनाए जा सकते हैं जानकारी के मुताबिक आलाकमान ने भी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए हरी झंडी दे रखी है बशर्ते इसमें सरकार के मुखिया को क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधना होगा. जानकारों का एक मत यह भी है कि यह विस्तार साल 2024 के लोकसभा चुनाव के आसपास किया जाएगा ताकि इसका फायदा चुनाव में लिया जा सके.
यह विधायक हैं संभावित दावेदार
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में खाली पड़े तीन पदों सबसे बड़ा दावा धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी, जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा और सुजानपुर से विधायक राजिंदर राणा का है. जहां सुधीर शर्मा और राजेश धर्माणी ब्राह्मण कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं. तो यादविंदर गोमा अनुसूचित जाति के कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने भी अनुसूचित जाति से मंत्री बनाए जाने की के सख्त निर्देश दिए हुए हैं.
क्या राणा को मिलेगा अधिकार?
वहीं, हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से संबंध रखने वाले राजिंदर राणा राजपूत कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल होने के दावेदार हैं. राजिंदर राणा वे नेता हैं, जिन्होंने साल 2017 में भाजपा में नेतृत्व के साथ पीढ़ी परिवर्तन करने का कमाल कर दिखाया है. राजिंदर राणा ने ही साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रो. प्रेम कुमार धूमल को सुजानपुर में चुनाव हराया था. हालांकि राणा के मंत्री बनने के आड़े उनके ही संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का होना भी आ रहा है.
इस बीच जानकार यह भी ध्यान दे रहे हैं कि अपने अनूठे फैसलों के लिए मशहूर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू किसी ऐसे विधायक को भी मंत्री पद दे सकते हैं जिसके बारे में दूर-दूर तक कोई विचार नहीं किया जा रहा.
इन पदों पर भी नियुक्ति बकाया
हिमाचल प्रदेश सरकार में न केवल मंत्रियों के शामिल होने का इंतजार है. बल्कि अभी विधानसभा उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और निगम-बोर्ड के उपाध्यक्षों की नियुक्ति भी बकाया है. इस नियुक्ति में भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने क्षेत्रीय समीकरण साधने की चुनौती रहने वाली है. मौजूदा मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन की सबसे ज्यादा कमी देखी जा रही है. फिलहाल सबसे बड़े जिला कांगड़ा से अब तक केवल एक ही मंत्री को जगह मिली है, जबकि यहां से तीन मंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही थी.
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने के लिए कांग्रेस के सामने समीकरण साधने की बड़ी सियासी चुनौती है. कांग्रेस में स्थिति विस्फोटक है और सियासी धमाके को रोकने के लिए सही समय पर सही कदम उठाने होंगे.
यह भी पढ़ें: Odisha Train Accident: ‘यकीन है दोबारा ऐसी घटनाएं नहीं होंगी’, बालासोर ट्रेन हादसे पर हिमाचल के राज्यपाल बोले
[ad_2]