H3N2 Virus: जोधपुर एम्स में 3 महीने में मिले H3N2 के 29 मरीज, मेडिकल कॉलेज लैब में एक भी संक्रमित नहीं

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Jodhpur AIIMS H3N2 Virus: देशभर में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के संक्रमण के मामले जोधपुर में भी सामने आए हैं. H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस का संक्रमण हर उम्र के लोगों पर अपना असर दिखा रहा है. इससे संक्रमित होने वाले मरीज को ठीक होने में 15 से 20 दिन लगते हैं. H3N2 वायरस से संक्रमित मरीजों में बुखार, जुकाम, पेट दर्द, उल्टी आना, शरीर में दर्द होना जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं.

जोधपुर स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमएचओ प्रीतम सिंह ने बताया कि एम्स की ओर से जानकारी मिली है कि पिछले 3 महीने में H3N2 के 29 मरीज सामने आये हैं. हालांकि सभी मरीज स्वास्थ्य हैं. H3N2 वायरस के मरीजों में बुखार, खांसी, पेट दर्द, उल्टी आना, शरीर में दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. अगर किसी मरीज को ऐसे लक्ष्मण लगे, तो मरीज को नजदीकी अस्पताल में जाकर उसकी जांच करवानी चाहिए. जोधपुर में मेडिकल कॉलेज बेंच में H3N2 वायरस के सैंपल लिए जा रहा है.

29 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं

डिप्टी सीएमएचओ प्रीतम सिंह ने बताया कि H3N2 वायरस के सैंपल खास तौर से नहीं लिए जाते हैं, बल्कि रूटीन सैंपल लिए जा रहे हैं. इन कैंपों में कोविड-19 के सैंपल लिए जा रहे हैं. अगर खांसी, बुखार, पेट दर्द, उल्टी, सर दर्द या शरीर में दर्द होने के लक्षण मिलने के बाद सैंपल भेजे जा रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के द्वारा भेजे गए सैंपलों में अभी तक एक भी सैंपल पॉजिटिव नहीं आया है.

हालांकि एम्स की ओर से जारी किया गया है कि पिछले 3 महीने में भेजे गए सैंपल में से 29 सैंपल पॉजिटिव आए हैं. सभी मरीजों में हल्के लक्षण मिले है. सभी मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. अगर किसी मरीज को इस तरह के लक्षण नजर आते हैं, तो खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और मास्क लगा लेना चाहिए. क्योंकि वह मरीज के लिए भी फायदेमंद है और मरीज के संपर्क में आने वाले दूसरे व्यक्ति के लिए भी फायदेमंद है.

सीरियस पेशेंट नहीं मिला

जोधपुर एम्स अस्पताल के मेडिसिन की डॉक्टर गोपाल बोहरा ने बताया कि एम्स अस्पताल में H3N2 वायरस से संक्रमित कोई भी सीरियस पेशेंट नहीं आया है. जनवरी से लगाकर मार्च तक माइक्रोबायोलॉजिकल लैब के द्वारा भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट में 29 मरीजों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. ऐसा कोई भी सीरियस पेशेंट नहीं आया है, जिसे आईसीयू में रखा गया हो. रूटीन टेस्ट किए गए थे, उसी की रिपोर्ट आई है. किसी तरह के डरने घबराने की जरूरत नहीं है. किसी को भी खांसी, बुखार, जुकाम, सर दर्द जैसी शिकायत हो, तो वह अपने नजदीकी अस्पताल में आकर जांच करवा सकता है.

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