कोरोना: आदिवासी जड़ी बूटियों से निर्मित काढा
नोट: उचित समझें तो शेयर करें।
हम जानते हैं कि सर्दी-जुकाम होने के बाद, गर्म कपड़े पहनने से सर्दी-जुकाम का इलाज नहीं हो सकता, लेकिन यदि पहले से ही गर्म कपड़े पहनकर रहें तो सर्दी-जुकाम होने से बचा जा सकता है। ठीक इसी तरह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता/इम्यूनिटी पावर हमें अनेक रोगों से संक्रमित होने से बचाती हैं।
हम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाकर अनेक बीमारियों से पूरी तरह या काफी सीमा तक बच सकते हैं। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, यदि वे जरूरी सावधानियां रखेंगे तो तुलनात्मक रूप से उन्हें कोरोना वायरस (COVID 19) से संक्रमित होने का खतरा कम होगा। अनेकानेक बीमारियों से बचाव हेतु जनहित में इम्यूनिटी बढाने वाला आदिवासी जड़ी बूटियों से निर्मित काढे का परीक्षित नुस्खा प्रस्तुत है:
काढा बनाने और सेवन की विधि:
उपरोक्त सभी जड़ी-बूटियों को पीसकर पाउडर बना लें। जो करीब 150 ग्राम बनेगा। यह 1 व्यक्ति की 1 महिने की खुराक है। 5-5 ग्राम की 30 पुड़िया बना लें। एक पुड़िया को 200 मिलीलीटर पानी में डालें और पानी में बीज निकालकर 2-3 मुनक्का/दाख भी कुचलकर डाल लें। इसे आधा रहने तक धीमी आंच पर पकावें। काढे को छानकर कांच की स्वच्छ एवं सूखी बोतल/शीशी में भर लें
और इसे दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम कुड़-कुड़ करके एक महिने तक लगातार पियें। इससे सामान्य स्वस्थ व्यक्ति की रोगी प्रतिरोधक क्षमता इतनी प्रबल हो जायेगी। यद्यपि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी पावर पहले से ही कमजोर है, उनको अतिरिक्त सावधानी तथा विशेष उपचार की जरूरत होती है। यदि मधुमेह पीड़ित नहीं हों तो इसमें उबालते समय मिश्री या उबालने के बाद 2 चम्मच शुद्ध शहद मिलाया जा सकता है।
नोट: उचित समझें तो शेयर करें।