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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में एक प्रेमी जोड़े ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले इस प्रेमी जोड़े ने इस लिए मौत को गले गलाया क्योंकि इनके घर वाले इनकी शादी के खिलाफ थे. बता दें कि, इन दोनों के बीच कुछ सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा था. जब दोनों ने अपने परिवारवालों को यह बात बताई तो परिवार वालों ने इस रिश्ते को अपनाने से मना कर दिया और उनका मिलना जुलना भी बंद करा दिया. साथ ही उन्हें पढ़ाई लिखाई में ध्यान देने को कहा. इसके बाद इस प्रेमी जोड़े ने घर से ही कुछ दूरी पर एक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
इसके बाद गांव वालों और उनके परिवार वालों ने इस प्रेमी जोड़े की ख्वाहिश पूरी करने के लिए एक ही चिता पर दोनों का दाह संस्कार किया. बताया जा रहा है कि, युवक और युवती दोनों एक ही गांव और एक ही पारा के रहने वाले थे. इसलिए बचपन से ही गांव वाले ने उन्हें साथ पलते-बढ़ते देखा था. ऐसे में उनकी ख्वाहिश पूरी करने के लिए ग्रामीणों ने दोनों के परिवार वालों से एक की चिता पर दोनों को विदा करने के लिए कहा. इसके बाद दोनों का एक साथ एक ही चिता पर दाह संस्कार किया गया. बता दें कि, दंतेवाड़ा में इस तरह का यह पहला मामला है जब प्रेमी जोड़े की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए इस तरह से उन्हें एक ही चिता पर विदा किया गया है.
परिवार वाले इस रिश्ते से थे नाराज
दंतेवाड़ा जिले की पुलिस अनुविभागीय अधिकारी आशारानी ने बताया कि, जिले के गीदम ब्लॉक के जावंगा गांव में एक 18 साल के युवक और 17 साल की युवती के बीच कुछ सालों से प्रेम प्रसंग का मामला चल रहा था. दोनों एक दूसरे से शादी भी करना चाहते थे, इस बात की जानकारी उनके परिजनों को लगी तो उन्होंने एक दूसरे से बातचीत करने से मना कर दिया और सिर्फ पढ़ाई में ध्यान देने को कहा. इसी बात से खफा होकर दोनों ने आत्महत्या करने का मन बना लिया. इसके बाद दोनों गांव के पास ही मौजूद जंगल पेड़ पर एक ही फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी. गांव के ही कुछ ग्रामीण जंगल में दोनों के शव को लटकते हुए देखा फिर इसकी जानकारी उनके परिजनों और गांव के अन्य ग्रामीणों को दी, साथ ही पुलिस को भी इसकी सूचना दी गई.
एक चिता पर किया गया दाह संस्कार
इसके बाद गीदम के थाना प्रभारी सलीम खाखा और उनकी टीम मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया गया और फिर शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. इधर ग्रामीणों ने बताया कि, युवक-युवती दोनों को ही ग्रामीणों ने अपने गांव में ही एक साथ पलते बढ़ते देखा. हालांकि उनके रिश्ते के लिए परिवार वाले राजी नहीं थे और जिसके चलते दोनों ने अपनी जान दे दी. इसके बाद ग्रामीणों ने ही परिवार वालों से दोनों को एक साथ विदा करने को कहा. गांव के एक-एक सदस्य ने कहा कि, दोनों की आखिरी ख्वाहिश मिलन की थी. इसलिए इन्हें अलग-अलग ना किया जाए और इनका अंतिम संस्कार एक साथ ही किया जाए. इसके बाद दोनों को एक साथ चिता में लिटाया गया और दोनों के ही परिवार के सदस्यों ने एक साथ मुखाग्नि भी दी. इस दौरान पूर गांव के लोगों की आंखे नम थी.
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