Chhath Puja 2023: सूर्योपासना का तीसरा दिन, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य-देखें वीडियो

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बिहार में छठ पूजा

Chhath Puja 2023: सूर्योपासना का महान पर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज शाम में व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और सुख-शांति की कामना की। छठ पूजा के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा संपन्न हो जाएगी। बिहार और पूर्वांचल के राज्यों में छठ पर्व को  काफी धूमधाम से मनाया जाता है। अपने घर से दूर रह रहे लोग इस त्योहार को मनाने अपने घर जरूर आते हैंं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया। सीएम आवास स्थित बने तालाब में व्रती हर साल की तरह इस साल भी छठ की पूजा कर रही हैं और सीएम ने व्रतियों के साथ पूजा-अर्चना में भाग लिया और अर्घ्य दिया। उसके बाद सीएम नीतीश छठ को लेकर गंगा घाटों का निरीक्षण करने निकल गए और लोगों से बातचीत की।

bihar cm nitish kumar

Image Source : INDIATV

नीतीश ने दिया अर्घ्य

बिहार के साथ ही यूपी के नोएडा में भी जगह-जगह छठ घाट बनाए गए हैं जहां व्रतियों ने सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं दिल्ली में भी लोगों ने यमुना की पवित्र धारा में और घर में बने कृत्रिम तालाबों,में अर्घ्य दिया। यमुना में अर्घ्य देने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पानीपत में छठपूजा महोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी भी मौजूद रहे।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने कहा कि, “छठ पूजा का आयोजन सरकार द्वारा किया जा रहा है और सभी व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि लोगों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग छठ मना रहे हैं। मैं चाहता हूं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के लोगों की ओर से छठ के अवसर पर मेरी शुभकामनाएं…”

लखनऊ में छठ पूजा के मौके पर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”हमारा देश आस्था का देश है. यही आस्था हमें हर दिशा में एकता के सूत्र में बांधती है। यही आस्था प्रतिकूल परिस्थितियों में देश को एकता के सूत्र में बांधे रखती है। मध्य युग में विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारे धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया, यह आस्था ही थी जिसने हमें आगे बढ़ाया। अन्यथा हम भी उन देशों की तरह होते जो अपनी संस्कृति भूल गए। वहां खंडहर हैं। उन्होंने भौतिक प्रगति की लेकिन हार गए उनकी आत्मा…”

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