धर्मांतरण मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाला है बड़ा फैसला जैसा कि आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और बीजेपी नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में धर्मांतरण को लेकर के किस फाइल किया है कि बहला-फुसलाकर धमकाकर जबरा कर जबरन कई तरीकों से धर्मांतरण किया जा रहा है जिसकी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है और सुनवाई को करने वाले जज का नाम था जस्टिस एमआर चमार साहब गुजरात में काफी समय से जज रह चुके हैं और मोदी के बहुत ही करीबी माने जाते हैं उन्होंने बीच में बहुत ही मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए थे जिसका चारों तरफ उनका आलोचना का सामना करना पड़ा था वही तथाकथित जज जस्टिस एम आर साहनी हाल ही में फैसला सुनाया है कि धर्मांतरण एक राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है बताइए इनको देश में जो आतंकवादी संगठन है दंगाई संगठन है उनसे खतरा नहीं दिख रहा है जो जगह जगह इकट्ठा होकर के लोगों को मार रहे हैं मॉब लिंचिंग कर रहे हैं घर गिरा रहे हैं चर्चा को तोड़ रहे हैं उसे खतरा इनको नहीं दिख रहा है यह सुप्रीम कोर्ट का जज कौन लेकिन मोदी जी का और हिंदुत्व विचारधारा का ज्यादा लगता है कि शाखा का पढ़ाई इन्होंने ज्यादा किया है तो आज अब क्या हुआ है थोड़ा इसमें मोड़ आ गया है कि कल 15 तारीख को इसका सुनवाई था मामले का लेकिन उसमें मामले को दूसरे जजों को सौंप दिया गया है तीन जजों को सौंपा गया है जो लोग इसकी सुनवाई करेंगे जिसकी सुनवाई आज होने वाला है मतलब 16 तीन 2023 और इसके मिजाज हैं डीवाई चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सीजेआई और और दो और अन्य जज है जो इसकी सुनवाई करेंगे और आज इस पर बड़ा फैसला होने वाला है क्योंकि एक ही दिन के अंतर में कोर्ट का डेट दिया गया है और जैसे कि आप जानते हैं कि आने वाले समय में पता नहीं है कि मोदी जी का कुर्सी रहेगा कि नहीं रहेगा 2024 में इसलिए यह लोग आनन फानन में जो भी ऑर्डर और बिल ले आना चाहते हैं लाने की कोशिश कर रहे हैं और ज्यादातर इन काबिल और कानून जो भी है और जो भी है वह संविधान के विपरीत है खिलाफ है जानते हैं कि हमारा संविधान हमें धार्मिक आजादी का स्वतंत्रता देता धार्मिक स्वतंत्रता का आजादी देता है और जिसके साथ हर एक व्यक्ति अपने धर्म को मानने प्रचार-प्रसार करने और किसी भी धर्म को अपनाने का अचार है लेकिन उस पर रोक लगाना चाहते हैं अपडेट को जानने के लिए आप सब्सक्राइब कीजिए और पढ़ते रहिए
‘जबरन धर्म परिवर्तन’ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी के अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच में बदलाव किया गया है।
याचिका अब CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच लेगी, जिन्होंने जस्टिस एमआर शाह की जगह ली थी।
पिछली सुनवाई में, न्यायमूर्ति शाह ने वरिष्ठ वकील हेगड़े के अनुरोध पर याचिका के कारण शीर्षक को ‘इन रे: द इश्यू ऑफ रिलिजियस कन्वर्जन’ में बदल दिया। उन्होंने दलीलों की पोषणीयता में शामिल होने या इसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ टिप्पणी को हटाने से भी इनकार कर दिया।
सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच जबरन धर्मांतरण के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसके साथ वर्तमान मामले को टैग किया गया है।