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नई दिल्ली: उत्तरकाशी में सफल टनल अभियान के बाद अब केंद्र और राज्य सरकार का सारा ध्यान पुनर्विकास पर टिक गया है। दोनों सरकारों ने राज्य में बन रही अन्य निर्माणाधीन टनलों का सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया है। इसी के साथ दोनों सरकारों ने इससे पहले आपदा का शिकार हुए जोशीमठ पर भी अपनी निगाहें केंद्रित कर दी हैं। सरकारों को मालूम है कि अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में एक बड़ी आपदा का सामना करना होगा।
जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की राशि होगी जारी
इसी क्रम में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की रिकवरी और पुनर्निर्माण (आर एंड आर) योजना को मंजूरी दी है। इस आर एंड आर योजना के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी और पुनर्निर्माण विंडो से 1079.96 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
SDRF के कोष से भी जारी होगी राशि
केंद्रीय सहायता के अलावा राज्य सरकार राहत सहायता के लिए अपने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से 126.41 करोड़ रुपये प्रदान करेगी और अपने राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपये प्रदान करेगी, जिसमें पुनर्वास के लिए भूमि अधिग्रहण लागत 91.82 करोड़ रुपये भी शामिल है।
पहले भी राज्य सरकार ने राहत राशि का किया था ऐलान
वहीं इससे पहले प्रदेश की धामी सरकार ने जोशीमठ के प्रभावित परिवारों को कुल 45 करोड़ रुपये जारी करने की ऐलान किया था। तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार 1.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता देने की बात कही गई थी, जिसमें से एक लाख रुपये की धनराशि उन्हें स्थायी विस्थापन नीति तैयार होने से पहले अग्रिम के रूप में तथा 50 हजार रुपये सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु दी गई थी।
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