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केरल के राज्यपाल ने एएनआई से कहा, “घटना के बारे में बहुत दुख है. मुझे इसके बारे में कल रात में पता चला. मैंने कुलपति से बात की. कुलपति को इसकी विस्तृत जानकारी नहीं थी. उन्होंने कल रात में मुझे बताया कि वे जांच का आदेश देने जा रहे हैं. जांच जो भी हो, यह बहुत बड़ी क्षति है.”
उन्होंने कहा कि, “चार निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए. वे अस्पताल में हैं और मुझे नहीं पता कि अब उनकी कैसी स्थिति है. मैं वास्तव में इसे महसूस कर रहा हूं. मेरी संवेदना उन परिवारों के साथ है जिन्होंने युवा, प्रतिभाशाली लोगों को खो दिया है.”
इससे पहले आज, केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को घटना पर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा.
शनिवार को एक टेक फेस्ट के आखिरी दिन कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CUSAT) के मुख्य परिसर के एक हॉल में भगदड़ मच गई. इस घटना में कम से कम चार छात्रों की मौत हो गई और 46 से अधिक लोग घायल हो गए.
पुलिस के मुताबिक अब तक 16 घायलों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
अचानक बारिश होने पर मची भगदड़
यूनिवर्सिटी में भगदड़ मचने के कारण को लेकर पुलिस ने बताया कि अचानक हुई बारिश की वजह से कॉन्सर्ट के दौरान कैंपस में भगदड़ मच गई. यह घटना कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (सीयूएसएटी) में एक सिंगर निकिता गांधी के ओपन-एयर ऑडिटोरियम में परफॉर्मेंस देने से पहले हुई.
सिविल अथॉरिटीज और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खुले ऑडिटोरियम में एंट्री और बाहर निकलने के लिए एक ही गेट का इस्तेमाल किया जा रहा था. सिर्फ पास धारकों को ही अंदर जाने की इजाजत थी. हालांकि गेट के बाहर अंदर जाने के लिए उत्साहित लोगों की लंबी कतार थी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने मीडिया को बताया कि कॉन्सर्ट में एंट्री सिर्फ पास धारकों के लिए ही सीमित थी. लेकिन कई स्थानीय लोग ऑडिटोरियम के बाहर जुटे हुए थे.
कन्सर्ट देखने के लिए उत्साहित लोगों की लंबी कतार में हुई धक्का-मुक्की
सीनियर पुलिस अधिकारी एमआर अजित कुमार ने कहा कि ऑडिटोरियम की क्षमता करीब 1,000 थी और कई सीटें खाली थीं. घटना के समय कॉन्सर्ट शुरू नहीं हुआ था इसीलिए ऑडिटोरियम भी पूरी तरह से भरा नहीं था. आयोजक पास चेक करके अंदर जाने की परमीशन दे रहे थे. अचानक बारिश शुरू हो गई, लोग कतारें तोड़कर अंदर जाने के लिए धक्का-मुक्की करने लगे.
सूत्रों के मुताबिक, इस घटना का कारण आयोजकों की वह घोषणा भी है, जिसमें कहा गया था कि इंजीनियरिंग के छात्रों को पहले एंट्री दी जाएगी. एक सूत्र के मुताबिक अन्य स्ट्रीम के छात्र भी अपनी बारी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. जब बारिश शुरू हुई, तो उन्हें कतार तोड़कर भीतर जाने का मौका मिला और वह दौड़ पड़े. एनडीटीवी की टीम जब घटना वाली जगह पर पहुंची तो पता चला कि ओपन-एयर ऑडिटोरियम के पास सीढ़ियां बहुत खड़ी थीं और इसकी वजह से कुछ छात्र दौड़ते समय संतुलन खो बैठे होंगे.
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