फ्यूल खत्म होने से कब्रिस्तान बन रहा गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल, एक साथ दफनाए गए 179 शव

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रिपोर्ट के मुताबिक, अल शिफा अस्पताल के प्रमुख मोहम्मद अबू सालमिया ने मंगलवार को क्षेत्र में विनाशकारी मानवीय संकट को रेखांकित करते हुए कहा, “हमें उन्हें सामूहिक कब्र में दफनाने के लिए मजबूर किया गया.” अस्पताल की फ्यूल सप्लाई खत्म होने के बाद इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) से 7 बच्चों और 29 मरीजों को दफनाया गया. कैंपस में लाशें बिखरी हुई हैं. अब बिजली नहीं है…”

गर्माहट देने के लिए एक साथ सुलाए गए दर्जनों नवजात, “कल 39 थे… आज 36…” : ग़ाज़ा अस्पताल के डॉक्टर का बयानगर्माहट देने के लिए एक साथ सुलाए गए दर्जनों नवजात,

समाचार एजेंसी AFP के साथ सहयोग कर रहे एक पत्रकार ने कहा, “सड़ते शवों की दुर्गंध हर जगह है.” मेडिसिन्स सैन्स फ्रंटियर्स या डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ काम करने वाले अस्पताल के एक सर्जन ने इस स्थिति को ‘अमानवीय’ करार देते हुए कहा, “हमारे पास बिजली नहीं है. पानी नहीं है. खाना नहीं है.”

एक बेड पर 39 बच्चे

फ्यूल की सप्लाई बंद होने से मशीनें और मेडिकल इक्यूपमेंट्स नहीं चल रहे हैं, जिससे मरीजों की मौत हो रही है. इसमें नवजात बच्चे भी शामिल हैं. वहीं, इंक्यूबेटर में नवजात बच्चों को एक दूसरे से सटाकर रखा जा रहा है, ताकि उन्हें ह्यूमन हीट से सही टेंपरेचर दिया जा सके. डॉक्टर के मुताबिक, एक बेड पर 39 बच्चे लिटाए गए हैं. इनमें से कुछ बच्चे हरे कपड़े में लिपटे हुए हैं, जो गर्मी के लिए उनके चारों ओर मोटे तौर पर टेप से बंधे हुए हैं. बाकी बच्चों को सिर्फ नैपी पहनाकर रखा गया है. अस्पताल में हर मिनट बीतने के साथ इन बच्चों की जिंदगी पर खतरा बढ़ता जा रहा है.

अल शिफा अस्पताल गाजा शहर का सबसे बड़ा अस्पताल है. पिछले हफ्ते इजरायली सेना ने यहां नाकेबंदी कर दी थी. जिसके बाद इस अस्पताल का संपर्क 72 घंटे से ज्यादा समय तक दुनिया से कटा हुआ था. इस अस्पताल के गेट के सामने इजरायली सेना के टैंक खड़े हैं. इजरायल के मुताबिक, ये अस्पताल हमास के सुरंगों के ऊपर बना है. इजरायल का ये भी दावा है कि हमास इस अस्पताल के नीचे अपना मुख्य ठिकाना ऑपरेट करता है.

इजरायल का आरोप- मरीजों का मानव ढाल के रूप में हो रहा इस्तेमाल

‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने फिलिस्तीनी संगठन हमास पर अस्पतालों और मरीजों को मानव ढाल (ह्यूमन शिल्ड) के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. हालांकि, हमास और गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज किया है. एक अलग घटना में, इजरायल ने हमास के एक ज्ञात सदस्य के घर से दूसरे अस्पताल तक जाने वाली एक सुरंग की खोज करने का दावा किया है.

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10,000 से ज्यादा लोग अल शिफा अस्पताल के अंदर

इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) का मानना ​​है कि 10,000 से ज्यादा लोग अल शिफा अस्पताल के अंदर हो सकते हैं. इनमें आम लोग, मरीज, विस्थापित लोग भी शामिल हैं. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) ने बताया कि 7 अक्टूबर से अब तक 36 स्वास्थ्य सुविधाओं और 22 अस्पतालों को नुकसान पहुंचा है. 

पावर सप्लाई बंद होने से मरीजों के इलाज में दिक्कत

गाजा के बड़े अस्पताल अल शिफा, अल-नासेर, रनतीसी, अल-कुद्स,  अल-अहली अस्पताल में पावर सप्लाई नहीं होने से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है. इजरायली सेना का दावा है कि हमास ने बच्चों के रनतीसी अस्पताल के नीचे अपने कमांड सेंटर में ही इजरायली बंधकों को कैद कर रखा था. 

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय ने गाजा से अपने सोमवार के अपडेट में कहा, “क्षेत्र का दूसरा प्रमुख अस्पताल अल कुद्स एक सप्ताह के लिए दुनिया से कटा हुआ है. अस्पताल और मेडिकल स्टाफ अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत संरक्षित हैं. संघर्षरत पक्षों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. उनका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों को हमले से बचाने के लिए नहीं किया जा सकता है, लेकिन आसपास या भीतर किसी भी ऑपरेशन में मरीजों, कर्मचारियों और अन्य नागरिकों की रक्षा की जानी चाहिए.”

इजरायली सेना ने की अस्पतालों को खाली करने की अपील

इजरायली सेना ने इन अस्पतालों को खाली करने की अपील की है. हालांकि, अल-शिफा अस्पताल के डॉक्टरों ने इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि अगर वे इस जगह को छोड़ देंगे, तो लगभग 700 मरीजों की मौत हो जाएगी.

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जंग में अब तक करीब 11 हजार 200 फिलिस्तीनियों की मौत 

इजरायल-फिलिस्तीनी संगठन हमास की जंग का 14 नवंबर को 39वां दिन है. इस जंग में अब तक करीब 11 हजार 200 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जबकि इजरायल में करीब 1400 लोगों ने जान गंवाई है. हमास ने कतर के अधिकारियों से कहा है कि 5 दिन के सीजफायर के बदले वो 70 बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार है. हमास ने कतर के अधिकारियों से कहा है कि 5 दिन के सीजफायर के बदले वो 70 बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार है. मरने वालों में 4506 बच्चे हैं.

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