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पटना: जातीय आधारित गणना (Bihar Caste Survey Results) के सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद अब बिहार में सवाल उठने लगे हैं. इसको लेकर ‘हम’ संयोजक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक्स पर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेरा. इसके साथ ही मीडिया से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने बुधवार को कहा कि 1931 में यादवों की संख्या 4% थी तो 2023 में यादवों की संख्या 14% कैसे हो गई? जब यादवों की संख्या बढ़ गई तो अन्य जातियों की संख्या घट क्यों गई? वहीं, उन्होंने कहा कि दरी बिछाने वाला जमाना गया,जो बिछाएगा वही बैठेगा.
मांझी ने की मंत्रिमंडल बर्खास्त करने की मांग
जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा कि ‘जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उतनी हिस्सेदारी के तर्ज पर मैं सीएम नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर संख्या आधारित मंत्री परिषद का गठन करें जिससे समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व का मौका मिल पाए. दरी बिछाने वाला जमाना गया,जो बिछाएगा वही बैठेगा.’
मुख्यमंत्री ने कहा था कि भुईया और मुसहर एक है- जीतन राम मांझी
हम संयोजक ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में जातीय आधारित गणना की रिपोर्ट में विसंगतियों पर बात की. इसके साथ ही कहा कि पहले यहां मुसहर नहीं लिखा जाता था. जब बिहार सरकार में मंत्री था तो मुख्यमंत्री को भुईया और मुसहर को लेकर सुझव दिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि भुईया और मुसहर एक है. आज फिर ऐसा क्यों किया गया है? इस बात पर बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थोड़ा नाराज भी हो गए. इसके बाद उन्होंने कहा कि एक ही बात बार-बार क्यों कह रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में जनसंख्या के आधार पर बदलाव होने चाहिए.
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