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Women Reservation Bill Passed: महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) संविधान के 128वें संशोधन के बाद संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो गया है. केंद्र सरकार इस बिल की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजेगी, वहां से मंजूरी मिलने के बाद ये कानून का रुप ले लेगा. बीते दिनों राज्यसभा में इस बिल पर हुई वोटिंग में इसके सपोर्ट में 214 वोट पड़े, जबकि मुखालिफत में एक भी वोट नहीं पड़े. इसी तरह लोकसभा में वोटिंग के दौरान इसके सपोर्ट में 454 वोट पड़े, जबकि विरोध सिर्फ एआईएमआईएम के दो सांसदों ने इसके मुखालिफ में वोट डाला. इस बिल को लेकर पूरे देश से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है.
इस साल के आखिर में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि अगले साल यानि 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक, आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को स्वाभाविक रुप से फायदा मिलने की उम्मीद है. चुनाव आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 95 करोड़ मतदाता रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से लगभग आधी महिला मतदाता हैं. इस बार संख्या के आधार पर महिला और पुरुष मतदाताओं के बीच सिर्फ 3.45 फीसदी का अंतर है, जो बीत सालों में कई सालों में सबसे कम है.
पांच राज्यों में हैं विधानसभा चुनाव
कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साल 2017 में केंद्र सरकार को पत्र लिख कर महिला आरक्षण बिल लाने का आग्रह किया था, उस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को दोनों सदनों में सपोर्ट का आश्वासन दिया था. बिल को सदन में पेश करते समय विपक्ष ने अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक आधार पर इसमें महिलाओं को आरक्षण न देने को लेकर सियासी पासा फेंका, लेकिन अंत में एकजुट विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया. इस बिल के जरिये एनडीए गठबंधन और नव गठित I.N.D.I.A. की नजर लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर है.
चुनावी राज्यों में क्या महिला मतदाताओं का आंकड़ा
इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान सीधे तौर पर कांग्रेस और बीजेपी में आर पार की लड़ाई मानी जा रही है. वर्तमान में मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है. तेलंगाना में बीआरएस की अगुवाई वाली के. चंद्रशेखर राव की सरकार है.
वहीं मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है. इन प्रदेशों में लगभग आधे मतदाता महिलाएं हैं. राजस्थान में महिला मतदाताओं की संख्या दो करोड़ तीस लाख, मध्य प्रदेश में दो करोड़ 60 लाख और छत्तीसगढ़ में लगभग एक करोड़ महिला मतदाता हैं.
कांग्रेस की ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश
इन तीनों प्रदेशों में बीजेपी और कांग्रेस महिलाओं के लिए लगातार घोषणाएं कर रहे हैं. महिला आरक्षण बिल और नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद विपक्षी गठबंधन और एनडीए दोनों आगामी चुनाव में महिला हितैषी बताकर भुनाने की कोशिश करेंगे. सदन में बिल को पेश करते समय कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने इसमें ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय को जाति आधिरत आरक्षण देने की मांग की थी.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में लगभग 50 फीसदी और छत्तीसगढ़ में लगभग 42 फीसदी ओबीसी मतदाता हैं. तेलंगाना में 54 फीसदी ओबीसी मतदाता हैं. सदन में इनके लिए आरक्षण की मांग कर कांग्रेस ने इस वर्ग को साधने की कोशिश की.
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