विश्वकर्मा योजना के तहत बिना गारंटी मिलेगा 3 लाख रुपए तक का लोन: पीएम मोदी

[ad_1]

देश को ‘यशोभूमि’ की सौगात देने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया.उन्होंने कहा कि आज विश्वकर्मा जयंती का खास दिन पारंपरिक करीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है. बहुत से विश्वकर्मा भाई-बहनों से बात करने की इसी वजह से ही वह कार्यक्रम के लिए लेट हो गए. हाथ के हुनर, औजारों और हाथ से काम करने वालों के लिए विश्वकर्मा योजना उम्मीद की नई किरण बनकर आ रही है. इस योजना के साथ आज देश को इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर यशोभूमि भी मिला है. जिस तरह का काम यहां हुआ है उसमें विश्वकर्मा भाई-बहनों का तप और तपस्या नजर आती है. यशोभूमि देश के हर श्रमिक को समर्पित है. 

यह भी पढ़ें

ये भी पढे़ं-Explainer- क्या है ‘यशोभूमि’, PM मोदी ने जिसका अपने जन्मदिन पर किया उद्घाटन

‘विश्वकर्मा साथियों को मिलेगी पहचान’

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने में विश्वकर्मा योजना अहम भूमिका निभाएगी. जैसे शरीर में रीड़ की हड्डी होती है वैसे ही सामाजिक जीवन में विश्वकर्मा साथियों की अहम भूमिका होती है. इनके बिना रोजमर्रा की जिंदगी की कल्पना भी मुश्किल है. फ्रीज के दौर में भी लोगों को मटके और सुराही का पानी पसंद है. समय की मांग है कि इन साथियों को पहचान और सपोर्ट मिले.

‘बिना गारंटी मिलगा 3 लाख तक का लोन’

विश्वकर्मा योजना के जरिए सभी साथियों को ट्रेनिंग देने पर जोर दिया गया है. ट्रेंनिंग के दौरान हर दिन 500 रुपए भत्ता सरकार की तरफ से हर साथी को दिया जाएगा. आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रुपए मिलेंगे. समान की ब्रांडिंग में भी सरकार मदद करेगी बदले में सरकार चाहती है कि आप उसी दुकान से सामान खरीदें जो जीएसटी रजिस्टर्ड हैं.ये टूल मेड इन इंडिया ही होने चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार बिना गारंटी मांगे कारोबार शुरू करने के लिए पैसा देगी. बिना गारंटी मांगे 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा और इसका ब्याज भी बहुत होगा. नए टूल लेने पर पहली बार एक लाख रुपए तक का लोन मिलेगा. इसे चुकाने के बाद 2 लाख का लोन दिया जाएगा.

‘लोकल के लिए वोकल फिर ग्लोबल’

पीएम ने कहा कि जब टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशन मिलते हैं तो क्या कमाल होता है ये पूरी दुनिया ने जी20 क्राफ्ट बजार में देखा है. समिट में हिस्सा लेने के लिए आए विदेशी मेहमानों को गिफ्ट में विश्वकर्मा साथियों का बनाया सामान ही दिया गया था.लोकल के लिए वोकल का समर्पण पूरे देश का दायित्व है. पहले लोकल के लिए वोकल बनना होगा फिर इसे ग्लोबल करना होगा.लोकल खरीदने का मतलब सिर्फ दीवाली के दीये खरीदना ही नहीं हैं बल्कि हर छोटी-बड़ी चीज शामिल है जिसमें कारगरों के खून पसीने की महक है.

ये भी पढे़ं-PM मोदी ने अपने जन्मदिन पर मेट्रो से किया सफर, यात्रियों के साथ खिंचवाई सेल्फी



[ad_2]

Source link

Leave a Comment

55bmw casino login register philippines