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नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका और कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ बीते शनिवार को एक महत्वाकांक्षी भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर की घोषणा की। इस नये इकोनॉमिक कोरिडोर को कई लोग चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। इस कोरिडोर की घोषणा अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने G-20 शिखर सम्मेलन से इतर संयुक्त रूप से की। इंडिया टीवी ने एक पोल के जरिए इस कोरिडोर को लेकर जनता की राय जानने की कोशिश की, जिसमें दिलचस्प नतीजे सामने आए।
अधिकांश लोगों ने माना, चीन को झटका लगेगा
इंडिया टीवी ने अपने पोल में जनता से सवाल पूछा था कि ‘भारत द्वारा प्रस्तावित इकोनॉमिक कोरिडोर से क्या चीन के BRI प्रोजेक्ट को लगेगा झटका?’ और ‘हां’, ‘नहीं’ एवं ‘कह नहीं सकते’ का विकल्प दिया था। पोल में हिस्सा लेने वाले कुल 6771 लोगों में से सिर्फ 7 फीसदी लोगों का मानना था कि इस कोरिडोर से चीन के BRI प्रोजेक्ट को झटका नहीं लगेगा। वहीं, 90 फीसदी लोगों ने इसे चीनी प्रोजेक्ट के लिए झटका करार दिया जबकि 3 फीसदी लोगों ने ‘कह नहीं सकते’ का विकल्प चुना। इस तरह 10में से 9 लोगों का मानना था कि नया कोरिडोर चीन के BRI प्रोजेक्ट के लिए एक झटका है।
पहल में शामिल होंगे 2 अलग-अलग गलियारे
बता दें कि भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर के इस इनीशिएटिव में 2 अलग-अलग गलियारे शामिल होंगे, पूर्वी गलियारा जो भारत को पश्चिम एशिया से जोड़ता है और उत्तरी गलियारा जो पश्चिम एशिया को यूरोप से जोड़ता है। यह कोरिडोर क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुदृढ़ करेगा, व्यापार पहुंच बढ़ाएगा, व्यापार सुविधाओं में सुधार करेगा तथा पर्यावरणीय सामाजिक और सरकारी प्रभावों पर जोर को बढ़ावा देगा। इस पहल को विभिन्न देशों के नेताओं ने ‘ऐतिहासिक’ बताया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शामिल थे।
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