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पटना10 मिनट पहले
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बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक चौतरफा घिर गए हैं। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर सिंह और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन पर निशाना साधा है।
शिक्षा मंत्री ने नसीहत दी कि हड़बड़ी में किसी तरह का निर्णय नहीं लिया जाए। इससे विभाग की फजीहत और सरकार की किरकिरी हो रही है। वहीं, राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री से किसी तरह का टकराव नहीं है, लेकिन अधिकारियों को संस्कार सीखने की जरूरत है। हम सब को शिक्षक को सम्मान देना होगा। इससे ज्यादा जरूरी कुछ नहीं है।
मंगलवार काे शिक्षक दिवस के अवसर पर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसी दौरान शिक्षा मंत्री ने ये बातें कही। वहीं राज्यपाल ने पटना यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में केके पाठक पर निशाना साधा।
शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए- राज्यपाल
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता पर सवाल उठाने को लेकर शिक्षा विभाग को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि विभाग जब कुलाधिपति की सहायता पर ऐसे सवाल उठा सकता है, तो कुलपति और शिक्षकों का क्या सम्मान करेगा? उन्होंने यह भी कहा कि उनके और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच कोई विवाद नहीं है, उन्होंने राजभवन से किसी तरह के टकराव से भी इनकार किया।
उन्होंने कहा- शिक्षा विभाग के सेक्रेटरी को हिम्मत कैसे होती है कि वह पत्र लिखता है। अभी मुख्यमंत्री कह रहे थे कि गिरीश कुमार चौधरी को एक्सटेंशन चाहिए, लेकिन जब अच्छा समन्वय रहेगा तब इस पर सोच सकते हैं। हम सब को शिक्षक को सम्मान देना होगा।
राज्यपाल ने सवाल उठाया कि यह सोचने की जरूरत है कि हमारे पास इतने आयोग और संसाधन है तो फिर शिक्षकों को आंदोलन क्यों करना पड़ रहा है और उन्हें सड़क पर क्यों उतरना पड़ रहा है। उन्होंने बगैर नाम लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्य प्रणाली और हाल में शिक्षा विभाग द्वारा राज भवन को लिखे गए पत्रों पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।
शिक्षक सम्मान कार्यक्रम में नहीं पहुंचे अपर मुख्य सचिव
शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर छुट्टियों को रद्द करने वाले फैसले को बर्खास्त किया गया। इस पर शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार का काम ही आवाम को खुश रखना है। भारतीय संस्कृति में गुरुजनों का सम्मान किया जाता है। शिक्षकों के सम्मानित करने वाले कार्यक्रम में केके पाठक मौजूद नहीं थे। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तो वही बताएंगे कि वह क्यों नहीं आए हैं।
शिक्षक दिवस पर सम्मान समारोह में पहुंचे थे शिक्षा मंत्री।
केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच पहले से ही तनातनी रही है
दरअसल, शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव के एन यादव ने विभाग को पीत पत्र लिखा था। उस पत्र पर विभागीय प्रमुख सचिव के के पाठक को बड़ी आपत्ति थी। इसके जवाब में वापस पीत पत्र लिखा गया था। इस पीत पत्र में डॉ. के एन यादव को विकास भवन के शिक्षा मंत्री के सेल में घुसने पर मनाही कर दी गई थी। यही नहीं उनके डॉक्टरेट की उपाधि पर भी सवाल खड़े किए गए थे।
शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव को लेकर हुए विवाद के बाद 27 दिन तक प्रो. चंद्रशेखर विकास भवन अपने चैंबर नहीं पहुंचे थे। तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की दखलदांजी के बाद शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर पूरी टीम के साथ विकास भवन पहुंचे थे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक और उनके बीच कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा था। के के पाठक से विवाद के बाद वे विकास भवन स्थित अपने कार्यालय नहीं गए थे।
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