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G 20 Summit: जी20 समिट भारत में 9 और 10 सितंबर को आयोजित हो रही है। इसके लिए जोर-शोर से तैयारियां की गई हैं। चंद्रयान 3 की सफलता और आदित्य एल1 की सफल लॉन्चिंग के बाद भारत की धाक जी20 समिट को लेकर और बढ़ गई है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत में इस आयोजन में भाग लेने के लिए नहीं आ पा रहे हैं। इसे लेकर जब भारत में रूसी राजदूत से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बेहद अजीबोगरीब बयान दिया। उन्होंने जो बयान दिया उस पर बवाल मच गया है। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव के एक बयान से हंगामा खड़ा हो गया है। दरअसल उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को लेकर कह दिया कि वो वुमेनाइजर (महिलाओं में अधिक रुचि रखने वाले व्यक्ति) हैं जिसके बाद से उनकी काफी आलोचना हुई है। हालांकि, अब अलीपोव ने अपने बयान को लेकर खेद जताया है और रूसी विदेश मंत्री की तारीफ की है।
क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार को ‘फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब ऑफ साउथ एशिया’ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अलीपोव से जी20 शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के न आने को लेकर सवाल किया गया कि ‘पुतिन रूसी महिलाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। अगर वह भारत आते तो यह हमारे लिए बहुत अच्छा होता। हम वाकई में काफी खुश होते, लेकिन अब आपके विदेश मंत्री बैठक में आ रहे हैं।’ जबाव में अलिपोव ने कहा, ‘रूसी पुरुषों पर आपकी टिप्पणी के लिए शुक्रिया। वैसे, लावरोव मैरिड है…लेकिन वह महिलाओं में अधिक रुचि रखने वाले इंसान हैं।’ उनकी इस टिप्पणी पर जब विवाद हुआ तो ट्विटर (अब एक्स) पर स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुझे खेद है कि मेरे शब्दों में कुछ लोगों के प्रति निंदा का भाव था। लेकिन मेरा मतलब बस ये था कि मंत्री लावरोव एक सज्जन व्यक्ति के रूप में महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। और उनकी बुद्धिमत्ता, करिश्मा और हाजिरजवाबी के लिए महिला ही नहीं, सभी उनकी प्रशंसा करते हैं।’
जी-20 बैठक में शामिल नहीं होंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन
भारत की मेजबानी में जी-20 का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर के बीच नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है। बैठक में सदस्य देशों के लगभग सभी राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेंगे, लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक में शामिल नहीं होंगे। बैठक में हिस्सा न लेने का कारण बताते हुए राष्ट्रपति पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि पुतिन के लिए अभी यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’ ही सबसे महत्वपूर्ण है। वहीं दूसरी ओर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी जी-20 बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी निराशा जताई है कि जिनपिंग क्यों भारत में जी20 समिट में हिस्सा लेने नहीं आ रहे हैं? उन्हें आना चाहिए था।
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