अनिद्रा हो या अचानक भूख लगना… योगा गुरु के मुताबिक प्राचीन yog में सभी सवालों के छिपे हैं जवाब

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योग आपको जीवन में संतुलन देता है

उन्होंने कहा कि उस समय भी मुझे दिख रहा था कि आखिर क्या गलत है. मुझे ऐसा जीवन नहीं चाहिए था जो अवसादों से भरा हुआ हो. ऐसा लगता था कि अब बहुत सारा पैसा बनाने की ओर ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि आप बाद में डॉक्टरों पर खर्च कर सकें. मुझे लगता है इस तरह का जीवन किसी का नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि जीवन और काम पर संतुलन पाने के उनके विचार अब केवल योग केंद्र के संस्थापक के रूप में मजबूत क्यों हो गए हैं, जो सिर्फ एक योग कक्षा में होने की सीमा से परे है. साथ ही ऐसे लोगों के एक समुदाय के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना भी है जो उनकी खोज में एक दूसरे की मदद करते हैं और सर्वांगीण कल्याण की गहरी भावना भी रखते हैं. 

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चक्र प्रोजेक्ट ने कई के जीवन को बदला

बता दें कि जब संथानम ने चक्र प्रोजेक्ट को शुरू किया था तब वो सिर्फ 27 साल के थे. उन्होंने चक्र प्रोजेक्ट की शुरुआत मुंबई स्थित एक योग केंद्र से की थी, जिसका उद्देश्य लोगों को योग के फायदे बताना था और साथ ही ये भी समझाना था कि ये आपके निजी जीवन को कैसे ट्रासफॉर्म कर सकता है. अपनी मल्टी नेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने कुछ महीनों के लिए देश भर में यात्रा शुरू की, और फिर वर्षों तक अलग-अलग गुरुओं से सीखने और देश में प्रचलित योग के विभिन्न रूपों को समझने में समय लगाया. इसके बाद ही उन्होंने अपना केंद्र स्थापित करने का फैसला किया, जो हठ और अष्टांग सिखाता है, जो उनके अनुसार, योग की पारंपरिक तकनीकों को आधुनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के साथ-साथ सर्वोत्तम तरीके से प्रभावित करता है. 

चक्र प्रोजेक्ट ने 65,000 से अधिक लोगों को योग सिखाया है और 50 से अधिक कॉर्पोरेट क्लाइंट्स की सेवा की है. इस योग केंद्र का एक अनूठा आकर्षण यह है कि यह योग चिकित्सकों को हिमालयी रिट्रीट पर भी ले जाता है ताकि वे पुराने समय की तरह योग का अनुभव कर सकें।

योग आपको समुदाय की भावना देता है

2015 में, संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के ऐलान के बाद, हजारों योग केंद्र और स्टूडियो सामने आए. और बीते सात में अब यह एक अरब डॉलर का उद्योग बन चुका है. नौकरियों की संख्या में महत्वपूर्ण कमी के परिणामस्वरूप अवसाद, चिंता, मानसिक तनाव और नींद संबंधी विकार से प्रभावित हुए और कई अन्य लोगों ने अपने जीवन को बचाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से योग प्रशिक्षकों की ओर रुख किया. 

उस दौरान योग सीखने और सिखाने दोनों की मांग में इस उछाल के बीच, श्रीधरन जैसे कई लोग कॉर्पोरेट सपने को सफलतापूर्वक छोड़ने और योग केंद्र शुरू करने में सक्षम रहे हैं. जो कई लोगों के जीवन में एक सार्थक बदलाव लेकर आने में सफल हुए हैं. आज, बेंगलुरु और मुंबई में अपने काम के माध्यम से चक्र परियोजना भारत और विदेश में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से सैकड़ों लोगों तक पहुंच रही है ताकि स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को प्राथमिकता दी जा सके.

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योग आपको एक समुदाय दे सकता है

श्रीधरन ने कहा कि लोगों की जीवनशैली ताश के पत्तों की तरह है जिसे योग द्वारा एक-एक करके ठीक किया जा सकता है. योग आपको एक समुदाय दे सकता है जो आपको जीवन में बहुत कुछ करने के लिए प्रेरित कर सकता है. योग के कई फायदे हैं. योग के कारण लोगों की क्रेविंग कम हुई है.. हमारे पास मधुमेह, थायरॉइड और पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज – ज्यादातर हार्मोनल असंतुलन और आनुवंशिक प्रवृत्तियों के संयोजन के कारण होते हैं) के पीड़ित बहुत से लोग आते हैं, और इन लोगों ने अपने लिए योग को बहुत उपयोगी माना है. 

 

उन्होंने कहा कि योग के साथ सामर्थ्य का ज्यादा सवाल नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल अत्यधिक तनावग्रस्त कॉर्पोरेट कर्मचारियों को ही योग की जरूरत है. मैं कुछ दिन पहले ही एक ज्वेलरी के शो रूम में गया था मुझे महसूस हुआ कि वहां काम करने वाले कर्मचारी भी खासे तनाव में दिखे. मुझे लगता है कि कॉरपोरेट वर्ग के लोगों के साथ ऐसे कर्मचारियों के लिए भी योग काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. श्रीधरन ने आगे कहा कि योग कई गंभीर सवालों के उत्तर भी दे सकता है और यह तकनीक समकालीन तरीके से प्राचीन विज्ञान तक पहुंचने में भी मदद कर सकता है.

कोरोना के समय लोगों की प्राथमिकता योग थी

“कोरोना के समय में लोगों के लिए स्वास्थ्य ही पहली प्राथमिकता बन चुकी थी लेकिन अब फिर से लोग अपने काम को ही पहली प्राथमिकता मानने लगे हैं.”वर्ष 2020 में कोरोना की वजह से विश्वभर में लोगों को रुझान योग की तरफ सबसे ज्यादा बढ़ा था. उस दौरान लोगों के बढ़े रुझान ने योग उद्योग को भी नई ऊंचाइयां दी थी. हालांकि, श्रीधरन जैसे योगा ट्रेनर को लगता है कि उस दौर की तुलना में अब लोगों का रवैया बदल रहा है. 

श्रीधरन कहते हैं कि कोविड-19 लोगों ने योग को प्राथमिकता बना लिया था, लेकिन अब लोग अपने काम को योग से पहले रख रहे हैं. हमें ऐसी किसी भी चीज़ को ना कहना सीखना होगा. स्वामी विवेकानंद और ओशो से प्रेरित, श्रीधरन कहते हैं कि प्रत्येक योग शिक्षक के लिए शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण हैं और वह उन्हें हर 2-3 साल में एक बार लेते हैं. उन्होंने कहा कि हठ योग मूल रूप से सरल मुद्राएं हैं और अष्टांग सांस का उपयोग करके ध्यान की एक श्रृंखला के लिए सभी आसनों का एक संबंध है. हठ आप धीरे-धीरे करें, ब्रेक लें. जबकि अष्टांग सांस और मानसिक स्वास्थ्य पर काम करता है. यह एक तरीका है जिससे आप दिमाग को संपूर्ण रूप से साधना और आजादी की तरफ मोड़ सकते हैं.  

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अमेरिका में भी योग का बोलबाला

योग अब अमेरिका में एक मुख्यधारा की गतिविधि है और इसे आमतौर पर एक स्वस्थ जीवन शैली के विकल्प के रूप में देखा जाता है, लेकिन श्रीधरन को लगता है कि योग सिर्फ इतना ही नहीं है. यह और बड़े दार्शनिक और आध्यात्मिक मुद्दों को संबोधित करने में भी मदद करता है जो बहुत से लोग चाहते हैं. कॉरपोरेट जगत का दृश्य भी बदल रहा है क्योंकि उनमें से कई वर्क फ्रॉम होम के विकल्प पर जोर दे रहे हैं ताकि आने-जाने का समय कम हो सके. और यहां तक ​​कि अपने कर्मचारियों के लिए खुद को फिर से जीवंत करने के लिए नियमित रूप से रिट्रीट का भी आयोजन किया जा सके. 

योग की प्रैक्टिस छोड़ना सही नहीं

उन्होंने कहा कि मैंने देखा है कि कॉरपोरेट फर्म्स अपने कर्मचारियों के लिए भी विशेष सत्र रख रहे हैं. लोग अपने आपको फिट रखना चाहते हैं. मैं अपने यहां योग की ट्रेनिंग लेने वालों से कहता हूं कि वो प्रैक्टिस ना करने को लेकर कोई बहाना ना बनाएं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि फिटनेस के लिए लंबे समय तक के लिए लक्ष्य को निर्धारित करना जरूरी है. इसका और कोई विकल्प नहीं हो सकता है. ब्रेथ वर्क से जुड़ी कई ऐसी चीजें हैं जो योग को स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या जिम वर्कआउट से ज्यादा फायदेमंद बनाते हैं. 

बचपन के कई अनुभवों से मिली ये ताकत

श्रीधरन कहते हैं कि उनके बचपन के कई अनुभवों ने उन्हें ऐसा करने की ताकत बनाने में मदद की, लेकिन वो कहते हैं कि उन्हें अपनी पत्नी, जो खुद भी नियमित योग करती हैं, से बहुत प्रेरणा मिली है. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर उन जगहों की यात्रा करना जहां आप भाषा नहीं बोलते हैं..लोगों से जुड़ने से मुझे बहुत कुछ सीखने और सही निर्णय लेने में मदद मिली. 

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