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- The Health Center Has Been Facing The Brunt Of Inconvenience Since The Time Of Inauguration, The Civil Surgeon Said – The Information Has Been Given To The Department
दरभंगा23 मिनट पहले
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उद्धघाटन के समय से ही स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं की कमी
बिरौल अनुमंडल परिसर में बने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आज भी कर्मचारियों और मरीजों को बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हो पा रही हैं। स्वास्थ्य केंद्र में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालयों की और मकान की हालत भी बिलकुल जर्जर अवस्था में है। एमबीबीएस की जगह आयुष डॉक्टर के भरोसे किसी तरह स्वास्थ्य व्यवस्था चल रही है।
ऐसे में गांवों से आने वाले मरीजों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस तरफ स्वास्थ्य विभाग का ध्यान बिल्कुल भी नहीं है। वैसे तो सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों की बेहतरी का दावा लगातार कर रही है, जबकि स्टाफ और डॉक्टर की कमी के कारण यहां सिर्फ ओपीडी के लिए 8 से 3 बजे तक उपचार संभव हो पाता है। साथ ही विभागीय अधिकारी की लापरवाही सरकार के सभी दावों प्रयासों की पोल खोल रहा है। इससे खामियाजा मरीजों और कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।
भवन की हालत भी जर्जर
बता दें की अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय के ठीक सामने बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज भी सुविधाओं का मोहताज बना हुआ है। यहां मरीज अपना इलाज कराने के लिए तो आते हैं जिस पर उन्हें दवाई भी दी जाती है, लेकिन यहां दवाई निगलने के लिए उन्हें पानी नहीं मिल पाता। साथ ही यहां शौचालयों के हालात भी बद से बदतर हैं।
स्वास्थ्य केंद्र में पहले बनाए गए शौचालय पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। स्वास्थ्य केंद्र में शौचालय न होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल में पानी और शौचालय के साथ साथ मकान की भी हालत बहुत जर्जर है, जिससे आए दिन दुर्घटना का खतरा बना रहता है। खास कर शौचालय की व्यवस्था हो बहुत जरूरी है लेकिन यहां नहीं है। वे पानी तो मोल खरीदकर पी लेते हैं लेकिन शौचालयों की वे भी व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे इस समस्या से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था उद्घाटन
यही इस संदर्भ में स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर हर्ष नाथ झा ने बताया की नियम के हिसाब से एमबीबीएस को यहां का प्रभार देना चाहिए लेकिन एक आयुष डॉक्टर होने के बाद भी मुझे यहां का प्रभार दे दिया गया है जो की नियम के बिल्कुल विपरीत है।
आपको ज्ञात हो की इस अस्पताल का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तत्कालीन नगर विकास मंत्री भोला सिंह, तत्कालीन विधायक इजहार अहमद तथा अभी के जल संसाधन मंत्री और उस वक्त के विधान परिषद संजय कुमार झा ने संयुक्त रूप से किया था। उद्घाटन के दिन से ही असुविधा का दंश झेल रहे इस अस्पताल पर किसी की नजर नहीं है।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
आगे इस संदर्भ में सिविल सर्जन अनील कुमार सिन्हा ने बताया की अस्पताल के लगभग एक हिस्से पर प्रशासन के द्वारा बिना मेरी अनुमति के अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। और बाकी सभी तरह की समस्या के लिए विभाग को प्रत्येक महीने की 5 तारीख को लिखा जाता है पर विभाग अनसुना कर कर रहा है, इस पर अगर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है तो हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
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