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Rajasthan Assembly Election 2023: सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) ने आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तैयारी शुरू करते हुए सोमवार को अपने विधायकों से कहा कि वे सरकार की महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ें. विधायकों से इसके लिए अगले सप्ताह शुरू हो रहे महंगाई राहत शिविरों का पूरा पूरा फायदा उठाने को कहा गया है.
कांग्रेस ने अपने और पार्टी का समर्थन कर रहे विधायकों से ‘वन टू वन’ संवाद सोमवार को यहां शुरू किया. इसके तहत पहले दिन कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa), मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने अजमेर (Ajmair) और जोधपुर (Jodhpur) संभाग के विधायकों से ‘वन-टू-वन‘ बैठक कीं.
सचिन पायलट नहीं हुए शामिल
पूर्व उपमुख्यमंत्री और टोंक से विधायक सचिन पायलट इस प्रक्रिया में पहले दिन शामिल नहीं हुए क्योंकि उनके दो कार्यक्रम शाहपुरा (जयपुर) और खेतड़ी (झुंझुनू) में तय थे. पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में, मौजूदा गहलोत सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में हाल ही में जयपुर में एक दिवसीय ‘अनशन’ किया था. टोंक, अजमेर संभाग में आता है.
पायलट ने बैठक में शामिल होने का बताया कारण
पायलट ने खेतड़ी में संवाददाताओं से कहा कि उनके दिन में पहले से ही दो कार्यक्रम निर्धारित थे इसलिए वह जयपुर में बैठक में शामिल नहीं हो सके. कांग्रेस नेता ने कहा कि वह कांग्रेस (एआईसीसी) की बैठकों और अपने हालिया दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी नेतृत्व को अपने विचार पहले ही बता चुके हैं. पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि उनके अलावा अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर, जोधपुर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर और पाली के विधायक यहां प्रदेश कांग्रेस के नए कार्यालय (वॉर रूम) पहुंचे और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के बारे में अपना ‘फीडबैक’ दिया.
रंधावा, गहलोत और डोटासरा ने एक-एक करके विधायक को बुलाया और उनसे अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों, जातिगत समीकरणों, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, नए जिलों की घोषणाओं के बारे में फीडबैक, एंटी इनकम्बेंसी का मुकाबला करने की योजना, अपनी सीटों पर तीसरे मोर्चे के आकलन के बारे में बात की. पार्टी सूत्रों ने बताया कि विधायकों को राज्य में 24 अप्रैल से लगने वाले महंगाई राहत शिविरों को सफल बनाने का निर्देश दिया गया है.
महंगाई राहत कैंप होंगे आयोजित
उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे ताकि पार्टी को चुनाव में इसका लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही में योजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया था. राजस्थान सरकार अपनी जनकल्याणकारी और महंगाई से राहत दिलाने वाली योजनाओं को लेकर शहरी वार्डों से लेकर गांवों में शिविर लगाएगी जिसकी शुरुआत 24 अप्रैल से होगी. इसके तहत 24 अप्रैल से 30 जून तक प्रशासन गांवों/शहरों के संग अभियान के साथ-साथ महंगाई राहत कैंप आयोजित होंगे. इनमें आमजन और वंचित वर्ग को जनोपयोगी घोषणाओं के बारे में जानकारी देकर पात्रता अनुसार योजनाओं से जोड़ा जाएगा.
सरकार को दोहराने का लक्ष्य
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में गहलोत सरकार द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर सरकार को दोहराने का लक्ष्य बना रही है, लेकिन इसके लिए योजनाओं को योजनाबद्ध और समन्वित तरीके से प्रचारित करना महत्वपूर्ण है.’ मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों से हुई चर्चा के बारे में फोटो ट्वीट करते हुए कहा,’ राजस्थान को नं एक बनाने के मिशन 2030 और महंगाई राहत कैंप के बारे में जरूरी सुझाव मिले. ये विचार बुलंद राजस्थान के सपने को साकार करेंगे.‘
उन्होंने लिखा,’ ये चर्चा राजस्थान को नं 1 बनाने की दिशा को गति प्रदान करेगी.‘इससे पहले बैठक के लिए यहां पहुंचे पूर्व मंत्री और केकड़ी से विधायक रघु शर्मा ने कहा, ‘चुनाव का साल है चुनाव की तैयारी हर पार्टी करती है. मैं समझता हूं कि चुनाव के लिहाज से यह जरूरी है. वही कर रहे हैं. कैसे तैयारी हो, किस तैयारी से चुनाव में जाएं.’
विधायक राकेश पारीक ने क्या कहा
वहीं पायलट के समर्थक विधायक राकेश पारीक ने कहा कि अगर पार्टी आलाकमान राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट को साथ लाता है तो पार्टी को राजस्थान में फिर से सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता. पारीक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी और पार्टी आलाकमान ने गहलोत और पायलट दोनों को पार्टी की संपत्ति (एसेट) बताया है और मुझे उम्मीद है कि अगर पार्टी उन्हें साथ लाकर चुनाव लड़ती है तो कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर से विधानसभा चुनाव जीतने से कोई नहीं रोक सकता.’
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