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पाकिस्तान इन दिनों भूखमरी के दौर से गुजर रहा है। आर्थिक संकट के साथ ही पाकिस्तान में राजनीतिक संकट भी पनपा है। इस बीच पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसद्दिक मलिक ने बयान जरी करते हुए कहा है कि पाकिस्तान में रसोई गैस की जितनी जरूरत है, उतना प्रोडक्शन तो पाकिस्तान में होता तक नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों की दिक्कत समझ में आती है। लेकिन पाकिस्तान की हुकूमत के बस में कुछ नहीं है। विदेश से गैस इंपोर्ट करने के लिए पाकिस्तान की सरकार के पास पैसा नहीं हैं और उधार पर गैस देने को कोई मुल्क तैयार नहीं है। इसका नतीजा ये हुआ कि रमजान के महीने में पाकिस्तान के ज्यादातर इलाकों में गैस सप्लाई या तो बंद करनी पड़ी है या फिर सप्लाई में राशनिंग हो रही है।
पाकिस्तान में गैस की सप्लाई ठप
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ऐसे हालात के सामने पाकिस्तान की सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान के पेट्रोलियम मिनिस्टर ने दो-टूक कह दिया है कि सरकार लोगों को उनकी जरूरत के मुताबिक गैस सप्लाई नहीं कर सकती है। क्योंकि मुल्क में गैस है ही नहीं और अगर विदेशों से महंगी गैस खरीद भी लाएं तो उसका बिल चुकाना लोगों के लिए मुमकिन नहीं है। इसलिए बेहतर यही होगा कि लोग खुद तय कर लें कि उन्हें क्या करना है, कैसे खाना पकाना है। अब अगर किसी देश की सरकार ये कह दे कि उसके बस में कुछ नहीं है। लोग खुद तय करें कि उन्हें क्या करना है, तो उस मुल्क की अवाम क्या करे। पाकिस्तान के लोगों की मुश्किल ये है कि हर तरफ से मुसीबत की मार झेल रहे हैं। गैस की सप्लाई ठप है। ऊपर से खाने पीने की चीजें इतनी मंहगी हो गई हैं कि बाजार जाने से पहले दस बार सोचना पड़ता है।
पाकिस्तान में इंफ्लेशन 40 फीसदी के पार
मुसद्दिक मलिक ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार भी ये मान रही है कि इन्फ्लेशन रेट, 40 परसेंट तक पहुंच चुका है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे भी ज्यादा बुरी है। रमजान के महीने में तो हालात और भी बिगड़ गए हैं। क्योंकि रमजान में खाने पीने की चीजों की डिमांड बढ़ जाती है। इसलिए कीमतों में आग और ज्यादा लगी है। पिछले महीने की तुलना में ज्यादातर चीजों के दाम 50 परसेंट तक बढ़ गए हैं। गरीबों के लिए तो दो वक्त की रोटी जुटा पाना असंभव हो चुका है। रमजान के महीने में लोगों को राहत देने के लिए शहबाज सरकार ने मुफ्त आटा बांटना शुरू किया तो कई जगह भगदड़ मच गई और लोगों की जान चली गई। इसलिए अब सरकार ने मुफ्त की स्कीम को बंद करने पर विचार शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के मिडिल क्लास की हालत ये है कि बहुत से लोग फल और सब्जियां लेने बाजार जाते हैं और सिर्फ भाव सुनकर वापस आ जाते हैं। अवाम की हालत इतनी खराब है कि लोग अपनी मुश्किलें बताते हुए रोने लगते हैं।
पाकिस्तान में केले 200 रुपये दर्जन
उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में आमतौर पर लोग फल खाकर रोजा खोलते हैं लेकिन पाकिस्तान में केले दो सौ रुपए दर्जन मिल रहे हैं। बाकी फ्रूट्स की तो बात ही छोड़ दीजिए अगर लोग नींबू पानी पीना चाहें तो भी नसीब नहीं हो रहा क्योंकि नींबू 280 रूपए किलो बिक रहा है। पाकिस्तान में ज्यादातर अवाम की कमाई ज्यादा से ज्यादा बीस हजार रूपए महीना है और खाने पीने की चीजों के दाम देखे जाएं तो इतने पैसे में एक परिवार के लिए हफ्ते भर, दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं हो सकता। अमेरिका की एजेंसी गैलप ने एक सर्वे जारी किया है जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान के 90 परसेंट लोग अब रेस्टोरेंट और होटल में खाना अफोर्ड करने की स्थिति में नहीं हैं। एक अमेरिकी थिंक टैंक ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान बहुत जल्द डिफॉल्ट कर जाएगा यानी वो दूसरे देशों से लिया हुआ कर्ज समय पर वापस नहीं कर पाएगा।
पाकिस्तान पर 130 बिलियन डॉलर का कर्ज
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान पर इस समय 130 बिलियन डॉलर का कर्ज है और उसके पास सिर्फ चार अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। चूंकि अब पाकिस्तान को दुनिया का कोई मुल्क कर्ज देने को तैयार नहीं है। इसलिए शहबाज शरीफ की सरकार ने टैक्स बढ़ा दिए हैं। इससे जनता की कमर और बुरी तरह टूट गई है। पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर इसहाक डार कर्ज की जुगाड़ में अमेरिका का दौरा करने वाले थे। IMF पहले ही पाकिस्तान की अपील को 23 बार ठुकरा चुका है। वो 24वीं बार कोशिश करने वाले थे। लेकिन पाकिस्तान में अचानक सियासी माहौल खराब हो गया। शहबाज शरीफ की सरकार पर संकट के बादल हैं। इसलिए इसहाक डार ने अमेरिका का दौरा रद्द कर दिया। पाकिस्तान में अपोजीशन पार्टीज शहबाज शरीफ सरकार की मुसीबत देखकर खुश हैं। इमरान खान के करीबी नेता शेख रशीद ने कहा कि जिन हालात का मुकाबला शहबाज शरीफ कर रहे हैं। अगर इमरान खान की सरकार होती तब भी पाकिस्तान का यही हाल होने वाला था, लेकिन ये तो खुदा का शुक्र है कि सही मौके पर इमरान खान को सत्ता से हटाने की साजिश कामयाब हुई और मुसीबत के इस पहाड़ के नीचे शहबाज शरीफ और उनके साथी आ गए।
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