रामराज के उत्तर प्रदेश में एक और चर्च पर हमला पास्टर समेत 6 लोग गए जेल, इस घटना को लेकर के राष्ट्रीय मसीही महासंघ ने आपत्ति जताई है और महासंघ प्रवक्ता एम कुमार जेवलिन ने कहा कि सरकार अति शीघ्र चर्च सभा पर हमला करने वाले दोषियों को चिन्हित कर और कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई करने का काम करें अन्यथा इसके खिलाफ उआंदोलन किया जाएगा
जैसे कि आप सभी जानते हैं कि भारत में मसीही लोगों पर अर्थात ईसाई लोगों पर और उनके धार्मिक स्थलों पर धार्मिक संस्थानों पर और शैक्षिक संस्थानों पर हिंदुत्व गैंग ने उर्फ ऑरेंज गैंग ने हमला तेज कर दिया है और आपने सुना होगा कि कई क्रिश्चियन के ऊपर और चर्चों पर प्रार्थना सभा व कुछ सभी नहीं कुछ हिंदू संगठन है जो तथाकथित राजनीतिक पार्टी से संबंधित हैं और उनके संरक्षण में चलते हैं और वोट बैंक खड़ा करने के लिए हिंदुत्व संगठनों को इस्तेमाल करते हैं और जानबूझकर हमला कर दिया जाता है
जानबूझकर इन को संरक्षण देने वाली भारतीय जनता पार्टी अपने इन सहयोगी दंगाई संगठनों को उक्त आती है के द्वारा ईसाइयों को प्रमुख करने के लिए उकसाने के लिए इन पर हमले करवाती है
और उन्हीं में से हमला करने वालों में से ही लोक कंप्लेनेंट बन जाते हैं गवाह बन जाते हैं और विक्टिम भी बन जाते हैं और जैसे कि आप जानते हैं कि प्रशासन भी उन्हीं के संरक्षण में है जिस वजह से स्थानीय पुलिसकर्मी प्रशासन विभाग भी उन्हीं के तरफ पक्षपात करते हुए मसीही समाज को प्रताड़ित करने का काम करता है
ऐसा ही एक घटना हाल ही में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है जहां पर दो दशकों से ज्यादा समय से सेवा कर रहे पास्टर नर्मदा कुमार मसीह सेवा कर रहे हैं कश्मीर एवंजिल्लकल फैलोशिप के तहत और वह एक पास्टर अर्थात मसीही समाज का पुरोहित धार्मिक अगवा का कार्य कर रहे हैं
जहां लोग अपनी समस्याओं और परेशानियों को लेकर के चर्च का प्रार्थना सभा में आते हैं और उन से निजात पाने के लिए और अपने घरों में परिवार में सुख शांति के लिए प्रार्थना याचना करवाते हैं और ऐसे लोगों का मानना है की पास्टर नर्मदा कुमार मसीह के प्रार्थना से उनका जीवन में घर परिवार में सुख शांति आता है
लेकिन बीते कुछ महीनों से वर्षों से विरोधी लोग को यह बात खटक रही थी जिसमें खासतौर पर एक ही समुदाय के लोग हैं एक ही जाति विशेष के लोग हैं जिनका मानना है कि समाज में धर्मगुरु या पुरोहित या पंडित या पुजारी
बनने का अधिकार केवल हमारे ही जाति विशेष समुदाय को है अन्य कोई जाति विशेष वर्ग यह पदवी धारण नहीं कर सकता और उनको लगा कि अब लोग हमें पूछेंगे ही नहीं, क्योंकि यह पास्टर नर्मदा मसीह के पास जाते हैं अब हमसे कौन पूजा अर्चना कथा सभा करवाएगा तब यह लोग स्थानीय लोगों को हिंदू के नाम पर वर्गलाते हैं और उनको बरगला कर नर्मदा मसीह के खिलाफ खड़ा करते हैं और अचानक
कश्मीर इवेंजेलिकल फेलोशिप के चर्च पर हमला
कश्मीर इवेंजेलिकल फेलोशिप के चर्च पर हमला, दिनांक 19 3 2023 को रविवार को जब पास्ट पास्टर नर्मदा कुमार प्रार्थना सभा चला रहे थे उसी दौरान यह लोग उनके ऊपर और आए हुए श्रद्धालुओं के ऊपर हमला कर देते हैं झूठे बेबुनियाद आरोप लगाते हुए
इस पर आए हुए श्रद्धालुओं में से किसी ने पुलिस कंट्रोल नंबर 112 शिकायतकर्ता है पुलिस भी आती है लेकिन जैसे कि आप जानते हैं उत्तर प्रदेश के वजीरे आजम स्वयं हिंदुत्व ब्रिगेड के लीडर है और उन्होंने प्रशासन को भी और अपने भगवा के लोगों को भी खुला छूट दे रखा है प्रभु यीशु के अनुयायियों के विरोध मे
पुलिस भी आती है जिन लोगों ने कंप्लेंट किया उन्हीं को अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अनाप-शनाप बोलते हैं डराते हैं धमकाते हैं और जो लोग उनको मारने पीटने डराने धमकाने आए थे उन्हीं की सुनवाई करते हैं पक्षपातके साथ
वीडियो में साफ-साफ देख सकते हैं कि पुलिसकर्मी किस तरीके से बदतमीजी के साथ अभद्र भाषा बोलते हुए इनसे पूछताछ करता है आपको बता दो कि वह मिशन का एक चर्च है और वह मिशन की जगह पर सेवा कर रहे थे और चर्च पैमाइश उसके अंदर जबरन आना गैरकानूनी होता है पुलिस को चाहिए था कि जो विरोधी लोग आए थे उनसे पूछताछ करें लेकिन यहां पुलिस उल्टा करती है और पीड़ित वर्ग के ऊपर ही मुकदमा दर्ज करके जेल भेज देती है
उसी में से विरोधियों में से ही लोग गवाह बन जाते हैं पीड़ित बन जाते हैं और उन्हीं के समाज का पुलिसकर्मी भी है जो सीनियर पुलिसकर्मी वह पक्षपात करते हुए अपने समाज को बचाते हुए अपने कर्तव्य से गद्दारी कर देते हैं
चर्च पर हमला शिकायतकर्ता को ही मुजरिम बना कर झूठे धर्मांतरण के आरोप में
जब वह वर्दी पहनते हैं शपथ खाते हैं कि हम सभी समाज को एक समान और न्याय के साथ कार्य करेंगे कभी पक्षपात नहीं करेंगे लेकिन यहां पर ठीक इसके उल्टा होता है अपने कर्तव्य और अपने शपथ को भूल जाते हैं और शिकायतकर्ता को ही मुजरिम बना कर झूठे धर्मांतरण के आरोप में जिसका न कोई सबूत है तर्कसंगत कोई बयान है नहीं है उसके बावजूद भी बनावटी खोखले बयान के आधार पर विरोधियों के बयान के आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाता है और जेल भेज दिया जाता है
यह कहना गलत नहीं होगा कि आज भी हमारे देश में यही सिद्धांत चल रहा है जिसकी लाठी उसकी भैंस जिसकी भैंस है इस प्रकार के सिद्धांतों से एक उज्जवल भविष्य या राष्ट्र या देश का निर्माण नहीं हो सकता यह समाज का निर्माण नहीं हो सकता एक अच्छे समाज का इसलिए इन विरोधीपन की विचारधारा को समाज को जल्दी से जल्दी त्याग देना चाहिए ताकि हमारा भारत सभी को एक साथ लेकर और लोकतंत्र को मजबूत करते हुए एक उज्जवल भारत का निर्माण करें