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मेटा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Mark Zuckerberg ने स्टाफ को एक मैसेज में बताया, “हमारा अनुमान लगभग 10,000 वर्कर्स को कम करने का है। इसके अलावा ऐसी लगभग 5,000 अतिरिक्त पोजिशंस को बंद किया जाएगा जिनके लिए हमने हायरिंग नहीं की है।” कंपनी की ओर से छंटनी की घोषणा के बाद इसके शेयर में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जकरबर्ग ने इस वर्ष कॉस्ट को लगभग पांच अरब डॉलर घटाने का टारगेट रखा है। इकोनॉमी में मंदी और इंटरेस्ट रेट्स बढ़ने जैसे कारणों से अमेरिका में बहुत सी टेक कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की है।
टेक सेक्टर की बहुत सी कंपनियों ने प्रॉफिट घटने के कारण अपने खर्च को कम करने के लिए पिछले कुछ महीनों में छंटनी जैसे कदम उठाए हैं। इनमें गूगल को चलाने वाली Alphabet और सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft शामिल हैं। महामारी के दौरान टेक कंपनियों का बिजनेस तेजी से बढ़ा था और इसका असर उनके वैल्यूएशंस पर भी दिखा था। इसके बाद से इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी से इन कंपनियों के वैल्यूएशंस में काफी गिरावट आई है। जकरबर्ग ने एंप्लॉयीज को मैसेज में बताया था, “मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों के कमजोर होने, कॉम्पिटिशन बढ़ने और विज्ञापनों में कमी से हमारा रेवेन्यू अनुमान से बहुत कम रहा है। मुझसे गलती हुई है और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।” उन्होंने कहा था कि कंपनी को अपने रिसोर्सेज AI, विज्ञापनों और मेटावर्स प्रोजेक्ट जैसे ग्रोथ की अधिक संभावना वाले एरिया में लगाने की जरूरत है।”
कंपनी ने कई वर्षों से लगातार ग्रोथ की थी लेकिन पिछले वर्ष की शुरुआत में उसके प्रति दिन के यूजर्स में पहली बार कमी हुई थी। बड़ी टेक कंपनियों के बिजनेस पर असर पड़ा है। इस वजह से मार्केटिंग के बजट में भी कमी की जा रही है। बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Amazon के अलावा माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर और सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में भी हजारों वर्कर्स को हटाया गया है।
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