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शेखपुरा25 मिनट पहले
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- गिरिहिंडापहाड़ पर अवस्थित हैं बाबा कामेश्वर नाथ शिव मंदिर, होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
13 मार्च जो भविष्य के लिए यादगार दिन होगा। इस दिन शेखपुरा जिला के पौराणिक पहाड़ गिरिहिंडा का महोत्सव मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार महाभारत काल में हिण्डा नामक राक्षस जिनकी पुत्री हिडिम्बा थीं और पांडव अपने निर्वासन काल में भटक कर इस पहाड़ पर पहुंचे और महाबली भीम द्वारा हिडिम्बा से गन्धर्व विवाह रचाया गया, इन्हीं से घटोत्कच नामक पुत्र की प्राप्ति हुई थीं जिनकी वीरता की गाथा महाभारत में प्रसिद्ध है। महाबली भीम द्वारा ही यहां शिवलिंग की स्थापना की गई थीं। इसी हिडिम्बा की स्मृति में गिरिहिंडा पहाड़ व मोहल्ला का नामकरण हुआ। कई वर्ष पूर्व इस शिवलिंग पर चेवाडा प्रखंड के रहनेवाले कामेश्वरी लाल की इस पर नज़र पड़ी और उनके द्वारा ही शिवलिंग की पूजा-अर्चना की गयी। तब से इस मंदिर का नाम कामेश्वरनाथ पड़ा। वही इसकी मान्यता यह भी है की इस शिव-पार्वती मंदिर को रातों -रात भगवान विश्वकर्मा ने बनाया था। इस शिव मंदिर में सावन माह और महाशिवरात्रि में विभिन्न जिलों से जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
गिरिहिंडा महोत्सव की तैयारी में जुटा जिला प्रशासन
इस बाबत डीपीआरओसोनी कुमारी ने बताया किसमीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी सावन कुमार के द्वारा 13 मार्च को गिरिहिण्डा महोत्सव मनाये जाने का निर्णय लिया गया, जो भगवान शिव पर केंद्रित होगी। मुख्य समारोह शाम 5.00 बजे बाबा कामेश्वर नाथ शिव मंदिर के पास आयोजित होगी। जिसके तहत बाबा कामेश्वर नाथ में पूजा-अर्चना की जायेगी। तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा, जिसमें स्थानीय एवं बाहरी कलाकारों के द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम की व्यापक तैयारी हेतु सभी वरीय पदाधिकारी को जिम्मेवारी दी गई है। डीपीआरओ ने बताया कि जिला पदाधिकारी द्वारा गिरिहिंडापहाड़ को पर्यटन केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने के उद्देश्य से विगत दिनों कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।
प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक को किया गया है आमंत्रित
डीपीआरओ ने बताया कि गिरिहिंडामहोत् सव कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक,विधान पार्षद के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया जायेगा। कार्यपालक पदाधिकारी, शेखपुरा और बरबीघा को कार्यक्रम स्थल के साथ-साथ आसपास के सभी क्षेत्रों की साफ-सफाई और रंग-रोगन कराने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सभी अंचलाधिकारी को कार्यक्रम के प्रचार प्रसार की जिम्मेवारी दी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कार्यक्रम में भाग लें एवं ऐतिहासिक धरोहर के बारे में जानकारी प्राप्त हो। विधि व्यवस्था संधारण हेतु एसडीओएवं एसडीपीओ को निर्देश दिया गया है। डीडीसी एवं अपर समाहर्ता को गिरिहिंडामहोत् सव आयोजन की तैयारी की सतत समीक्षा और पर्यवेक्षण कर वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया है।
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