Lok Sabha Elections 2024: अमित शाह का बयान बना वजह! वायनाड में राहुल गांधी के रोडशो में नहीं दिखे कांग्रेस के झंडे

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Image Source : PTI
वायनाड में रोडशो करते हुए राहुल गांधी।

वायनाड: कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बुधवार को वायनाड में आयोजित रोडशो 2019 के कार्यक्रम से बिल्कुल अलग था। उन चुनावों में भीड़ में सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के हरे झंडों की संख्या कांग्रेस पार्टी के झंडों से ज्यादा थी। इस बार रोडशो के दौरान दोनों ही पार्टियों के झंडे नहीं दिखे। वायनाड के कलपेट्टा में आयोजित रोडशो में कांग्रेस की सहयोगी IUML सहित यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के सभी प्रमुख घटक दलों ने भाग लिया। UDF कार्यकर्ता मुख्य रूप से राहुल गांधी की तस्वीरें और कांग्रेस के चुनाव चिह्न ‘हाथ’ की तख्तियां थामे हुए थे।

अमित शाह ने 2019 में दिया था ये बयान

बता दें कि पूरे रोड शो में पार्टी कार्यकर्ता झंडों की जगह विभिन्न रंगों के गुब्बारे थामे हुए थे। कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा कि 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने केरल के निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए गांधी की आलोचना करते हुए बयान दिया था कि क्षेत्र में एक रैली के दौरान यह पहचानना मुश्किल था कि यह भारत है या पाकिस्तान। शाह ने परोक्ष रूप से कांग्रेस नेता के रोडशो के दौरान IUML के हरे झंडों की मौजूदगी का जिक्र किया था। 

CPM ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष

सूत्र ने बताया कि बीजेपी की ओर से ऐसी संभावित नकारात्मक प्रतिक्रियाओं की चिंता के कारण कांग्रेस ने इस बार रैली, रोडशो के दौरान झंडे प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया होगा। सूत्र ने कहा कि ऐसी आशंका है कि यदि झंडे प्रदर्शित किए गए तो बीजेपी इसे राहुल गांधी के खिलाफ ‘दुष्प्रचार’ के अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने गांधी के रोड शो में गठबंधन सहयोगी IUML के झंडे नहीं प्रदर्शित करने के लिए कांग्रेस पर कटाक्ष किया और आरोप लगाया कि उत्तर भारत में इसके नतीजों को देखते हुए ऐसा कदम उठाया गया।

‘IUML के झंडे कांग्रेस पर भारी पड़ जाते’

राहुल गांधी के रोड शो पर बोलते हुए CPM के प्रदेश सचिव एम. वी. गोविंदन ने कहा, ‘अगर झंडे प्रदर्शित किए जाते, तो IUML के झंडे कांग्रेस के झंडों पर भारी पड़ जाते। अगर कांग्रेस का झंडा और IUML का झंडा प्रदर्शित किया जाता तो उत्तर भारत में क्या दृश्य बनता? इसलिए, उन्होंने रोडशो के दौरान कांग्रेस या IUML के झंडे नहीं ले जाने का फैसला किया।’ CPM नेता पर पलटवार करते हुए कांग्रेस विधायक टी सिद्दीकी ने कहा कि ऐसी टिप्पणियों से उस पार्टी की ‘गंदी राजनीति’ का पता चलता है। 

‘झंडे नहीं, बल्कि चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण हैं’

सिद्दीकी ने CPM पर पलटवार करते हुए कहा, ‘झंडे नहीं, बल्कि चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण हैं। उनके पास कोई अन्य मुद्दा नहीं है, इसलिए वे गंदी राजनीति कर रहे हैं। UDF में बहुत सारी पार्टियां हैं। चूंकि राहुल गांधी हमारे उम्मीदवार हैं और हाथ हमारा चुनाव चिह्न है, इसलिए हमने (रोडशो के लिए) एक उम्मीदवार, एक चिह्न पर फैसला किया।’ (भाषा)

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