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Sharad Pawar News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को मराठा आरक्षण बिल पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा से पारित मराठा रिजर्वेशन बिल का मसौदा पहले के कानून के समान है जो अतीत में सुप्रीम कोर्ट की विधिक समीक्षा में टिक नहीं सका था. शरद पवार ने कोल्हापुर में संवाददाताओं से कहा, ‘हमें यह देखने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट में नए विधेयक का क्या होता है.’
महाराष्ट्र विधानमंडल ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को एक नयी श्रेणी में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया. शरद पवार ने कहा, ‘राज्य विधानमंडल द्वारा आज पारित किए गए विधेयक का मसौदा शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए विधेयक के समान ही है. हमें यह देखने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट में नए विधेयक का क्या होता है.’
शरद पवार ने छत्रपति शाहू महाराज से की मुलाकात
शरद पवार ने कोल्हापुर के पूर्व शाही परिवार के छत्रपति शाहू महाराज से उनके आवास पर मुलाकात की. पवार ने कहा, ‘आज पारित हुआ विधेयक पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा पारित विधेयकों जैसा ही है. वे विधेयक विधिक समीक्षा में टिक नहीं पाए.’ मराठों के लिए आरक्षण शुरू करने के राज्य सरकारों के पहले के प्रयासों को अदालतों ने खारिज कर दिया है.
साल 2014 में चुनावों से ठीक पहले, पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मराठों के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण लागू करने वाला एक अध्यादेश जारी किया था. बम्बई हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई 50 फीसदी की सीमा का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया. साल 2018 में, देवेंद्र फडणवीस सरकार ने मराठों के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की, जिसे शीर्ष अदालत ने 2021 में रद्द कर दिया क्योंकि इसने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन किया था.
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